नीदरलैंड्स में बैन हुआ बुर्का

शुक्रवार, 2 अगस्त 2019 (11:36 IST)
नीदरलैंड्स में किसी भी सार्वजनिक स्थल पर चेहरा ढंकने पर जुर्माने और नो एंट्री का प्रावधान लागू कर दिया गया है।
 
 
उदार छवि वाले नीदरलैंड्स ने भी एक अगस्त 2019 से बुर्का बैन लागू कर दिया। नए कानून के मुताबिक सार्वजनिक स्थलों पर ऐसा कोई भी पहनावा जो "चेहरे को ढंके" प्रतिबंधित है। इसके साथ ही स्कूल, अस्पताल, सार्वजनिक भवनों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में गुरुवार से बुर्के पर पाबंदी लागू हो गई।
 
अब प्रशासनिक अधिकारी लोगों से अपना चेहरा दिखाने के लिए कह सकेंगे। अगर किसी ने चेहरा दिखाने से इनकार किया तो उसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोका जा सकता है, साथ ही 150 यूरो के जुर्माने का भी प्रावधान है। नीदरलैंड्स के तटीय शहर रोटरडाम की इस्लामिक पार्टी ने प्रतिबंध का विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि जो भी सार्वजनिक जगहों पर प्रतिबंधित कपड़े पहने हुए पकड़ा जाएगा, उसका जुर्माना इस्लामिक पार्टी भरेगी।
 
नीदरलैंड्स में पूरा चेहरा ढंकने वाला बुर्का और नकाब पहनने वाली महिलाओं की संख्या करीब 150 है। प्रतिबंध के दायरे में फुल फेस हेल्मेट पहनने वाले भी आएंगे। यूरोप में बुर्के पर प्रतिबंध की बहस लंबे समय से चल रही है। एक धड़ा बुर्के को महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की तरह देखता है तो दूसरा पक्ष धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए मनचाही पोशाक पहनने की वकालत करता है।
 
नया कानून कैसे लागू होगा, इस पर सवाल हैं। नीदलैंड्स के कई शहरों में अस्पतालों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों ने प्रतिबंध को अमल में लाने से इनकार किया है। पुलिस भी कह रही है कि वह जबरदस्ती नहीं करेगी।
 
फ्रांस, यूरोप में बुर्के पर बैन लगाने वाला पहला देश है। फ्रांस ने करीब 10 साल पहले ऐसा प्रतिबंध लगाया। बाद में कुछ और देशों ने भी यह पाबंदी लागू की। डेनमार्क में भारी विरोध के बावजूद बीते एक साल से बुर्के पर प्रतिबंध लागू है। 2018 में संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने कहा कि बुर्के पर बैन लगाने वाला कानून मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।
 
2019 में ऑस्ट्रिया ने भी प्राइमरी स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया। ऑस्ट्रिया में 2017 से ही पूरा चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध है। जर्मनी के हेसे प्रांत में भी सिविल सेवा के कर्मचारियों के बुर्का पहनने पर पाबंदी है। छह महीने पहले जर्मनी की कील यूनिवर्सिटी ने भी खुले संवाद और भाव भंगिमा का हवाला देकर पूरा चेहरा ढंकने वाली पोशाक पर प्रतिबंध लगा दिया।
 
ओएसजे/एमजे (डीपीए, एएफपी)

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