अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के ठीक पहले हुए उपचुनावों के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए। देश में 30 अक्टूबर को 3 लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था। कुछ अहम सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी को मात दी।
29 विधानसभा और 3 लोकसभा सीटों के नतीजे बीजेपी के लिए बहुत उत्साहजनक नहीं रहे बल्कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए नतीजों ने जरूर बूस्टर डोज का काम किया है। 2022 में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने उपचुनाव में अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था।
बीजेपी को बड़ा झटका
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और वहां मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने उम्मीदवारों को जिताने में नाकाम साबित हुए। हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार ब्रिगेडियर कुशाल चंद ठाकुर को कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने हरा दिया है। प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस को जीत मिली है। कांग्रेस इसे अपने लिए अच्छा संकेत मान रही है। 3 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी 1 पर ही बढ़त बनाए हुए थी, बाकी 2 सीटों पर उसकी हार हुई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि लोकसभा उपचुनावों में बीजेपी कुल 3 में से 2 सीटें हारी है। विधानसभा चुनावों में भी जहां कांग्रेस-भाजपा की सीधी टक्कर है, भाजपा हारी है। हिमाचल, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र इसके सबूत हैं।
उपचुनावों के रोचक नतीजों ने एक बात तो साफ कर दिया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए मुश्किलभरे हो सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रभांत शुंगलू कहते हैं कि वीरभद्र सिंह के गुजरने के बाद उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत गईं जबकि मंडी सीट बीजेपी की जीती हुई थी, उनके मौजूदा सांसद की मौत के बाद उपचुनाव हुए और कांग्रेस ने बाजी मारी। यही नहीं बल्कि प्रतिभा सिंह ने बीजेपी के उम्मीदवार और करगिल वॉर हीरो कुशाल चंद ठाकुर को हराया।
वे कहते हैं कि उपचुनाव बीजेपी के लिए खासतौर पर झटका देने वाला रहा। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बता दिया कि वे आज भी मजबूत स्थिति में हैं। तृणमूल कांग्रेस के लिए अच्छी खबर रही कि उसने चारों सीटें जीत लीं, सीपीएम और बीजेपी दूसरे और तीसरे स्थान के लिए लड़ी। ममता ने अपना वर्चस्व कायम रखा है।
अन्य राज्यों में क्या रहे नतीजे
बिहार उपचुनाव में हुए 2 विधानसभा क्षेत्रों में हुए मतदान के बाद मंगलवार को मतगणना हुई। कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र पर सत्ताधारी गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से जेडीयू ने एक बार फिर से कब्जा जमा लिया जबकि तारापुर में आरजेडी को शुरुआती बढ़त के बाद हार का सामना करना पड़ा।
असम की 5 सीटों में से बीजेपी ने उन तीनों सीटों पर जीत हासिल की है, जहां उसने अपने उम्मीदवार उतारे थे। गठबंधन की सहयोगी यूपीपीएल को मिली 2 सीटों पर वह आगे है। वहीं मेघालय में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व फुटबॉलर यूजीनसन लिंगडोह ने जीत हासिल की है। बीजेपी की सहयोगी एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) ने राजबाला सीट जीती है और 1 अन्य सीट पर आगे है। मिजोरम में तुइरियाल सीट पर एमएनएफ ने जीत दर्ज की है।
गहलोत की पकड़ मजबूत
राजस्थान में कांग्रेस ने वल्लभनगर और धरियावद सीट पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने बीजेपी के गढ़ कहे जाने वाले धरियावद पर अपना परचम लहराया है।
दक्षिणी राज्य कर्नाटक से भी बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं आई है। वहां 2 सीटों के लिए हुए उपचुनाव को नए मुख्यमंत्री बसवराज एस. बोम्मई की अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा गया। 1 सीट पर कांग्रेस और 1 सीट पर बीजेपी जीती। वहां हंगल और सिंदगी सीट पर चुनाव हुए थे। बीजेपी ने कुछ समय पहले वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाकर बोम्मई को राज्य का जिम्मा सौंपा था।
शुंगलू कहते हैं कि बीजेपी को सबसे बड़ा धक्का कर्नाटक की हंगल सीट में लगा है, जो मुख्यमंत्री बोम्मई के गृह जिले हावेरी का हिस्सा है। यही नहीं बल्कि पड़ोस का विधानसभा क्षेत्र येदियुरप्पा का क्षेत्र है। यहां उसकी धुर विरोधी कांग्रेस ने बीजेपी के उम्मीदवार को 7 हजार वोटों से भी ज्यादा के मार्जिन से हराया है। कांग्रेस के लिए ये एक बड़ी जीत कही जा सकती है, क्योंकि उसी की सरकार को अपदस्थ कर के बीजेपी ने जोड़तोड़ वाली सरकार बनाई थी। अब येदियुरप्पा सीएम नहीं रहे और बोम्मई को अपने ही जिले में हार मिली है।
क्या हार की वजह महंगाई है?
दिवाली से पहले 13 राज्यों के विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने जरूर बीजेपी को चिंता में डाल दिया है। देश में कोविड काल के बाद से बेरोजगारी, महंगाई, हर रोज पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम समेत कई ऐसे मुद्दे हैं जिनसे जनता त्रस्त है। दूसरी ओर पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के किसान पिछले 11 महीने से 3 कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल में पार्टी की हार का कारण महंगाई बताया है। उन्होंने कहा है बढ़ती महंगाई के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।
दूसरी ओर शुंगलू का कहना है इन नतीजों से ये भी साफ संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी के कांग्रेसमुक्त नारे के बावजूद कई राज्यों में कांग्रेस ही बीजेपी के रास्ते की रोड़ा बनेगी। हालांकि बीजेपी के लिए मध्यप्रदेश से राहत वाले नतीजे आए। उसने 2 विधानसभा और 1 लोकसभा की सीट जीती है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने जीत पर जनता आभार जताया है।
असम में 5, पश्चिम बंगाल में 4, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मेघालय में 3-3, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान में 2-2 और आंध्रप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम और तेलंगाना में 1-1 विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए थे। वहीं लोकसभा की दादर और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्यप्रदेश की खंडवा सीट के लिए उपचुनाव हुए थे।