शराब की दुकानों के बाहर एक-दूसरे पर लदे हुए लोगों को देखकर मुंबई में शराब की दुकानों को फिर से बंद कर दिया गया है। दूसरे शहरों में भी इस तरह के दृश्यों से संक्रमण के तेजी से फैलने को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
तालाबंदी का तीसरा चरण लगभग 6 सप्ताह से चल रही तालाबंदी का अभी तक का सबसे उदार रूप है। देश के अधिकांश इलाकों में शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थल, सिनेमाघर, मॉल और रेल और हवाई सेवाएं इत्यादि को छोड़कर बाकी सब खुल चुका है। लेकिन कुछ रियायतें कोविड-19 से लड़ने में एक खतरा साबित हो रही हैं और कुछ जगहों पर इन्हें रद्द भी किया जा रहा है। सबसे बड़ा जोखिम शराब की दुकानों के खुलने की वजह से पैदा हुई स्थिति से नजर आ रहा है।
शराब की दुकानों को पूरे देश में खोल देने की इजाजत केंद्र सरकार ने दे दी है और अंतिम निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। हरे इलाकों, नारंगी इलाकों और यहां तक कि लाल इलाकों में भी कंटेनमेंट इलाकों के बाहर शराब की अकेली दुकानें खोली जा सकती हैं।
पिछले 2 दिनों में देश के कई हिस्सों में जहां-जहां शराब की दुकानें खुली हैं, वहां दुकानों के बाहर लंबी और अव्यवस्थित कतारें देखी गई हैं। कई स्थानों पर इन कतारों में सैकड़ों लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह भूलकर एक-दूसरे पर लदे हुए और धक्का-मुक्की करते हुए देखा गया। कई जगह पुलिस को लाठीचार्ज कर दुकानों को बंद करवा देना पड़ा।
इस तरह के दृश्यों से संक्रमण के तेजी से फैलने को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। कई लोगों का कहना है कि तालाबंदी की वजह से जो फायदे हुए हैं, कहीं वे मिट्टी में न मिल जाएं और इस तरह के हालात की वजह से कहीं संक्रमण की दूसरी लहर न आ जाए। लेकिन कई लोगों का कहना है कि शराब की दुकानों के बाहर इस तरह के हालात होना लाजमी था और प्रशासन को बेहतर रणनीति अपनानी चाहिए थी।
सवाल उठ रहे हैं कि शराब की चुनिंदा दुकानें ही क्यों खोली जा रही हैं? सुझाव दिए जा रहे हैं कि बढ़ी हुई डिमांड को देखते हुए अधिकतम दुकानें खोली जाएं ताकि एक-एक दुकान पर दबाव को कम किया जा सके। यह भी सुझाव दिया जा रहा है कि सभी शहरों में शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दे दी जाए ताकि लोगों को घर बैठे-बैठे ही शराब मिल जाए और उन्हें दुकानों पर भीड़ न लगानी पड़े।
कुछ राज्य इन हालात को देखकर दुकानें खोलने की नीति पर पुनर्विचार भी कर रहे हैं। मुंबई में दुकानों के बाहर बढ़ती भीड़ को देखते हुए आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के अलावा बाकी सब दुकानों को फिर से बंद कर दिया गया है। इनमें शराब की दुकानें भी शामिल हैं।
मुंबई में इस समय संक्रमण के कुल 9,758 मामले हैं और पिछले 24 घंटों में 635 नए मामले सामने आए हैं। इन 24 घंटों में 26 संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु भी हो गई, वहीं दिल्ली में इस समय संक्रमण के कुल 3,636 मामले हैं और पिछले 24 घंटों में 206 नए मामले सामने आए हैं।