श्रीनगर में एक और आतंकवादी घटना में एक दुकान पर काम करने वाले व्यक्ति की हत्या कर दी गई है। सवाल उठ रहे हैं कि शहर में हजारों सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद बार बार इस तरह की हत्याएं कैसे होती चली जा रही हैं। ताजा घटना श्रीनगर के बोहरी कादल इलाके की है, जहां आतंकवादियों ने रोशन लाल मावा नाम के एक कश्मीरी पंडित की परचून की दुकान पर काम करने वाले मोहम्मद इब्राहीम खान की गोली मार कर हत्या कर दी।
यह घटना तब हुई जब श्रीनगर के ही बटमालू इलाके में आतंकवादियों द्वारा एक पुलिसकर्मी की हत्या को 24 घंटे भी नहीं बीते थे। इब्राहीम खान 45 साल के थे और बांदीपुर के अश्तिंगु गांव के रहने वाले थे।
29 सालों बाद खुली थी दुकान
पुलिस ने अपने बयान में कहा कि प्राथमिक जांच से पता चला है कि आतंकवादियों ने एक सिविलियन पर गोली चला दी।।।उसे गंभीर हालत में पास ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मृत्यु हो गई।' पुलिस ने यह भी कहा कि इलाके में तलाशी चल रही है।
मीडिया में आई खबरों में बताया गया है जिस दुकान पर इब्राहीम काम करते थे वो 29 सालों से बंद थी और 2019 में ही दोबारा खुली थी। दुकान के मालिक रोशन लाल मावा 1990 के दशक में घाटी में आतंकवाद की शुरुआत के साथ ही दिल्ली चले गए थे। वो मई 2019 में श्रीनगर वापस आए थे।
इब्राहीम की हत्या पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि 'यह घटना निंदनीय है और दुर्भाग्य से घाटी में टार्गेटेड हत्याओं की एक श्रृंखला का हिस्सा है।'
सुरक्षा में चूक?
इस हत्या के एक ही दिन पहले श्रीनगर के ही बटमालू इलाके में 29 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल तौसीफ अहमद वानी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसके पहले भी श्रीनगर और कश्मीर के कुछ और इलाकों में कई लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं जिनमें अभी तक कम से कम 11 आम नागरिक मारे जा चुके हैं।
इन घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने घाटी में अर्धसैनिक बलों के 5,000 अतिरिक्त कर्मी भेजे थे। श्रीनगर में पिछले महीने से हाई अलर्ट है। पहले से ही शहर में हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। यह चौंकाने की बात है कि इसके बाद भी कैसे आतंकवादी बिना डरे इस तरह की हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं।