फ्रांस में बुरकीनी बैन को तोड़ रही हैं मुस्लिम महिलाएं

बुधवार, 26 जून 2019 (11:05 IST)
फ्रांस में मुस्लिम महिलाएं बुरकीनी पहनने पर लगे बैन का उल्लंघन कर रही हैं। बुरकीनी एक तरह का मुस्लिम स्वीमिंग सूट है जिसमें मुंह, हाथ और पैरों को छोड़कर पूरा शरीर ढंका रहता है।
 
 
जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है, फ्रांस में बुरकीनी पर लगे बैन को लेकर बहस भी गर्मा रही है। देश के दक्षिणपूर्वी शहर ग्रेनोबल में पिछले दिनों मुस्लिम महिलाओं ने एक स्वीमिंग पूल में बुरकीनी बैन का उल्लंघन किया। जिन महिलाओं ने ऐसा किया, उन पर 35 यूरो का जुर्माना लगाया गया है।
 
ज्याँ ब्रो स्वीमिंग पूल भी फ्रांस के उन स्वीमिंग पूलों में शामिल हैं जिन्होंने अपने यहां बुरकीनी पर बैन लगाया हुआ है। वहां पर हाल के दिनों में कई महिलाओं में संगठित विरोध के तहत बुरकीनी बैन का उल्लंघन किया।
 
पिछले महीने सिटिजन अलायंस ऑफ ग्रेनोबल नाम के संगठन ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए "ऑपरेशन बुरकीनी" ग्रुप बनाया। ये महिलाएं मांग कर रही हैं कि स्वीमिंग पूल बुरकानी बैन को हटाएं। इन पूलों में स्वीमिंग के दौरान पुरुषों को स्वीम ब्रीफ और महिलाओं को बिकनी पहननी होती है।
 
दूसरी तरफ, धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी की नेता मेरी ली पेन ने ऐसी मांग करने वाले कार्यकर्ताओं की कड़ी आलोचना की है और अधिकारियों से उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा है। उन्होंने ट्वीट किया, "समय आ गया है कि साफ और जोर से कहा जाए कि बुरकीनी के लिए फ्रांस में कोई जगह नहीं है।"

Quand les pouvoirs publics cèdent à tout, ils ouvrent la voie aux revendications communautaristes permanentes.

Il est temps d’affirmer haut et fort que le #burkini n’a rien à faire en France ! C’est à la République de réaffirmer partout son autorité. MLP https://t.co/IOvUOeU6ag

— Marine Le Pen (@MLP_officiel) June 24, 2019
ग्रेटर पेरिस इलाके की मध्य-दक्षिणपंथी प्रमुख वालेरी पेकरेस ने भी बुरकीनी पहने जाने की घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, "अगर हम बुरकीनी को स्वीकार करेंगे तो कुछ सालों में गरीब इलाकों की सभी लड़कियों अपने पूरे शरीर को ढंक कर नहा रही होंगी, भले ही वे नैतिक कारणों से ऐसा करें या फिर विरोध स्वरूप।"
 
वहीं बुरकीनी का विरोध करने वाली दो महिलाओं का अलग ही नजरिया है। बीबीसी से बात करते हुए हसीबा और लतीफा ने कहा कि उन्हें भी बाकी लोगों जैसे अधिकार होने चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारा एक सपना है: सार्वजनिक स्वीमिंग पूलों में बाकी नागरिकों की तरह जाकर मस्ती करें, अपने बच्चों को जहां चाहें स्वीमिंग के लिए ले जाएं क्योंकि ग्रेनोबल में बहुत गर्मी है। हमें फ्रांस में भेदभाव करने वाली नीतियों और पूर्वाग्रहों के खिलाफ लड़ना होगा। हमें तो असल में सार्वजनिक सेवाओं और शहर प्रशासन के इंफ्रास्ट्रक्चर को इस्तेमाल करने के अधिकार से वंचित रखा जा रहा है।"
 
वहीं सिटिजन एलायंस ने फेसबुक के जरिए बताया है कि एक साल पहले 600 मुस्लिम महिलाओं के हस्ताक्षर जमा करने के बाद "ऑपरेशन बुरकीनी" शुरू किया गया था। वे ग्रेनोबल के मेयर से स्वीमिंग पूल से जुड़े नियमों को बदलने की मांग कर रहे हैं।
 
जॉन सिल्क/एके

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