विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि फ्लाइट में कोविड-19 के फैलने का जोखिम 'बहुत कम' है लेकिन इसके प्रसार से इनकार नहीं किया जा सकता है। कुछ शोधों में फ्लाइट में कोरोना फैलने की बात कही गई थी। पिछले दिनों फ्लाइट में कोरोना फैलने को लेकर को दो स्टडी हुई थी और उसमें कहा गया था कि उड़ान के दौरान वायरस का प्रसार हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए बयान में कहा कि फ्लाइट के दौरान संक्रमण संभव है लेकिन विमान में यात्रियों की संख्या और मामलों की संख्या को देखते हुए इसका खतरा बहुत कम नजर आता है।'
दरअसल पिछले हफ्ते अमेरिकी रक्षा विभाग ने भी अपने शोध में पाया था कि उड़ान के दौरान कोरोना के प्रसार का खतरा 'बहुत कम' रहता है। शोध के मुताबिक विमान में हेपा एयर फिल्टर के कारण कोरोनावायरस के संक्रमण की संभावनाएं घट जाती हैं। हालांकि कुछ एयरलाइंस ने उड़ान के दौरान प्रसार की संभावना को कम बताने के लिए काफी कड़ी भाषा का इस्तेमाल किया है। साउथवेस्ट एयरलाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस दोनों ने कहा है कि हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि जोखिम 'वास्तव में अस्तित्वहीन' है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह कम से कम दो केस रिपोर्ट अध्ययनों के बारे में जानता है जिनमें लंदन से हनोई और सिंगापुर से चीन तक की उड़ानों में इन फ्लाइट ट्रांसमिशन का जिक्र किया गया है। डब्ल्यूएचओ ने साथ ही कहा है कि बीमार और संक्रमित लोगों को यात्रा की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उसके मुताबिक आधुनिक विमानों में एयर फिल्टर वायरस और रोगाणुओं को तेजी से फिल्टर कर सकते हैं।