10 साल में सबसे खराब हाल में पहुंचा रेलवे का परिचालन अनुपात : सीएजी रिपोर्ट

बुधवार, 4 दिसंबर 2019 (08:38 IST)
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे का परिचालन खर्च पिछले 10 सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर रेलवे को 2 कंपनियों की तरफ से एडवांस न मिलता तो ये घाटे में होती।
ALSO READ: 2020 के माघ मेले के लिए रेलवे ने कमर कसी, चलेंगी 160 स्पेशल ट्रेनें
भारतीय रेलवे का परिचालन पिछले 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। 2 दिसंबर को संसद में पेश की सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो यानी परिचालन अनुपात 98.44 प्रतिशत पहुंच गया। इसका मतलब है कि रेलवे के कमाए हर 100 रुपए में से 98.44 रुपए खर्च हो गए।
 
जानकारों के मुताबिक परिचालन अनुपात जितना कम होता है, रेलवे की वित्तीय सेहत उतनी ही दुरुस्त होती है। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में रेलवे का राजस्व में 1665.61 करोड़ रुपए का सरप्लस है। ये सरप्लस इसलिए संभव हुआ, क्योंकि नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन और इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड ने रेलवे को कुछ प्रोजेक्ट के लिए एडवांस यानी अग्रिम भुगतान दिया।
 
अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो रेलवे का राजस्व वित्त वर्ष 2017-18 में 5,676.29 करोड़ के घाटे में होता। साथ ही इस एडवांस के बिना रेलवे का परिचालन अनुपात भी 102.66 प्रतिशत होता यानी रेलवे को 100 रुपया कमाने के लिए 102.66 रुपए खर्च करने होते। इसके अलावा रेलवे यात्री सुविधाओं और दूसरी कोच सुविधाओं में आई लागत को वसूल करने में भी नाकाम रहा।
 
 रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे को माल ढुलाई से हुए मुनाफे का 95 प्रतिशत हिस्सा यात्री और कोच सुविधाओं से हुए घाटे की पूर्ति करने में ही खर्च हो गया। साथ ही रेलवे का रेवेन्यू सरप्लस भी वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में 66.10 प्रतिशत कम हो गया है। 2016-17 में ये जहां 4,913 करोड़ रुपए था, वहीं 2017-18 में घटकर ये 1665.61 करोड़ रुपए हो गया।

 
2017-18 में कुल पूंजी खर्च में रेलवे के आंतरिक संसाधनों का योगदान घटकर 3.01 प्रतिशत रह गया है। रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे को इस आंतरिक योगदान को बढ़ाने पर काम करना चाहिए। रिपोर्ट का कहना है कि पुराने कलपुर्जों को बदलने में रेलवे बहुत समय से लेता है। इससे एक बैकलॉग तैयार हो जाता है। रेलवे को पुराने पुर्जों को बदलने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए। साथ ही बिना किसी न्यायोचित कारण के किसी तरह का नया फंड बनाने से बचना चाहिए।
 
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2008-09 में रेलवे का परिचालन अनुपात 90.48 प्रतिशत, 2009-10 में 95.28 फीसदी, 2010-11 में 94.59 प्रतिशत, 2011-12 में 94.85 फीसदी, 2012-13 में 90.19 फीसदी, 2013-14 में 93.6 प्रतिशत, 2014-15 में 91.25 फीसदी, 2015-16 में 90.49 प्रतिशत, 2016-17 में 96.5 फीसदी और 2017-18 में 98.44 प्रतिशत दर्ज किया गया।
 
चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मनमोहन सरकार में रेलमंत्री रहने के दौरान लालू ने रेलवे को ऐतिहासिक फायदे में पहुंचाने का दावा किया था। 2004 में जानकारों का अनुमान था कि रेलवे को आने वाले सालों में 61 हजार करोड़ का घाटा उठाना पड़ेगा लेकिन लालू यादव ने 2008 में अपने बजट भाषण में कहा था कि रेलवे 20 हजार करोड़ के फायदे में है।
 
-रिपोर्ट ऋषभ कुमार शर्मा

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी