शरीर पर काले धब्बे वाला तेंदुआ बेहद शातिर और चपल शिकारी माना जाता है। पेड़ पर आराम से चढ़ने की वजह से वह सुरक्षित भी रहता है। लेकिन उसी इलाके में ताकतवर और फुर्तीला बाघ भी हो तो, तेंदुए को बेहद सावधान रहना पड़ता है। कुछ साल पहले भारत के रणथम्भौर नेशनल पार्क में पहली बार इन दोनों बड़ी बिल्लियों का संघर्ष देखा गया।
असल में जंगल में शिकार सीमित होने की वजह से बाघ अपने इलाके में दूसरे शिकारी को बर्दाश्त नहीं करता है। लेकिन पेड़ पर चढ़ने में कुशलता की वजह से तेंदुआ भी उसी इलाके में सक्रिय रहता है और मौका मिलने पर छोटे जानवरों को अपना शिकार बनाता है। तेंदुआ, बाघ से दूरी बनाने की हर मुमकिन कोशिश करता है लेकिन अगर सामना हो ही जाए तो फिर उसके पास कोई मौका नहीं बचता।