केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया और भाजपा सरकार पीओेके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) को वापस लाएगी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि कोई हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भगवा आतंकवाद विमर्श बनाने के लिए भी कांग्रेस पर निशाना साधा।
शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस को आतंकवाद के बारे में भाजपा से सवाल करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती रही है और सत्ता में रहते हुए उसने इस समस्या से निपटने के लिए कभी कोई ठोस नीति नहीं अपनाई। शाह ऑपरेशन सिंदूर पर उच्च सदन में हुई विशेष चर्चा का जवाब दे रहे थे।
गृह मंत्री ने चीन से संबंधित विदेश नीति को लेकर सवाल उठाने के लिए भी कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि विपक्षी दल का चीन प्रेम 1960 के दशक से चला आ रहा है। उन्होंने कहा, कांग्रेस की प्राथमिकता देश की सुरक्षा नहीं है। उसका मकसद केवल वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति है... आतंकवाद ने भारत में जड़ें जमाईं, फैला और बढ़ा... इसका एकमात्र कारण कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति और कमजोर नीतियां हैं।
शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर किसी के कहने पर नहीं रोका गया था, बल्कि जब पाकिस्तान घुटने टेकने पर मजबूर हो गया तो उसके डीजीएमओ ने फोन करके कहा, बहुत हो गया...। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि लोगों को धर्म के आधार पर मारा गया और यह उनके लिए बेहद दुखद है।
गृह मंत्री ने कहा कि मैं इस सदन के माध्यम से आतंकवादियों से कहना चाहता हूँ... जम्मू-कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होगा। यह मोदी जी का संकल्प है। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले तीन आतंकवादी ऑपरेशन महादेव के तहत मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और इस हमले में उनकी संलिप्तता वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कर ली गई है।
इसी के साथ शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपने वोट बैंक और तुष्टीकरण की नीति के कारण पाकिस्तान एवं आतंकवादियों को बचाने का प्रयास कर रही है। शाह ने कहा, मैं सदन के माध्यम से, ऑपेरशन महादेव की जानकारी पूरे देश को देना चाहता हूं। ऑपेरशन महादेव में सुलेमान, अफगान और जिब्रान नाम के तीन आतंकवादी - सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए।
गृह मंत्री के अनुसार, गत 22 अप्रैल को दिन में एक बजे पहलगाम की बैसरन घाटी में हमला हुआ था और वह शाम 5.30 बजे श्रीनगर पहुंच गए थे तथा 23 अप्रैल को एक सुरक्षा बैठक की गई और इसकी पुख्ता व्यवस्था की गई कि नृशंस हत्या करने वाले हत्यारे देश छोड़कर भागने न पाएं।
उन्होंने बताया कि पूरी छानबीन एवं वैज्ञानिक तरीकों से यह पुष्टि की गई कि इन तीनों आतंकवादियों ने ही 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 निर्दोष लोगों की जान ली थी। शाह ने कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के दो दिन पहले के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने उनके इस्तीफे की मांग की और प्रश्न किया कि सरकार के पास क्या सबूत हैं कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी थे।
गृह मंत्री ने कहा कि वह इस सदन के माध्यम से चिदंबरम से पूछना चाहते हैं कि वह किसे बचाना चाहते थे, पाकिस्तान को, लश्कर-ए-तैयबा को या आतंकवादियों को। उन्होंने कहा, देखिए महादेव क्या करता है? जिस दिन यह प्रश्न पूछा, उसी दिन तीनों आतंकवादी ढेर हो गए।
उन्होंने कहा कि चिदंबरम ने कांग्रेस की मानसिकता को पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने वोट बैंक को बचाने के लिए पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा का बचाव करने से भी नहीं डरती है।
शाह ने कांग्रेस के एक अन्य नेता पृथ्वीराज चव्हाण के एक बयान का उल्लेख किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार को ऑपरेशन का धार्मिक नाम रखने के अलावा कुछ नहीं आता। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को यह नहीं मालूम है कि शिवाजी महाराज ने मुगलों के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी थी, उनकी सेना का युद्धघोष हर हर महादेव ही था। उन्होंने कहा, हमारी सेनाओं की विभिन्न डिवीजन के युद्ध घोष देवी देवताओं के नाम पर हैं, जिसे भाजपा ने नहीं रखा।
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष पूछ रहा है कि आतंकवादी आज ही क्यों मारे गए? शाह ने जवाबी प्रश्न किया आप आतंकवादियों को कितना जिंदा रखना चाहते हैं? वे जब अपना जवाब शुरू करने जा रहे थे, तभी कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने यह कहते हुए सदन से बहिर्गमन किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चर्चा का जवाब नहीं दिया जाना सदन का अपमान है। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति में पहले ही सूचित कर दिया गया था कि चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नहीं, गृह मंत्री देंगे।
चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था, किंतु उन्होंने भारत के रिहायशी इलाकों, सैन्य प्रतिष्ठानों पर ड्रोन से हमला किया। उन्होंने कहा कि सीमा के पास उनकी गोलीबारी से भारत के कुछ नागरिकों की जान गई।
शाह ने कहा कि उन्होंने एक गुरुद्वारा और एक मंदिर तोड़ा, पर हमने कुछ नहीं कहा। फिर भारत ने तय किया कि वह जो हमला करेगा, वह पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को क्षीण करने के लिए होगा और इसीलिए उनके आठ एयर बेस और रडार तंत्र सहित कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पूछते थे कि पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादी मारे गए या नहीं? शाह ने कहा कि न केवल इस हमले में बल्कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के शासन काल में जो आतंकवादी हमले हुए उनमें शामिल कई आतंकवादी भी ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए। उन्होंने कहा कि इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भाषा Edited by : Sudhir Sharma