इतनी लंबी बिजली चमकी कि बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड

DW
गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022 (08:52 IST)
अब तक रिकॉर्ड की गई सबसे लंबी आकाशीय बिजली के बारे में विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जानकारी दी है। अमेरिका में तीन राज्यों में फैली इस आकाशीय बिजली को मेगाफ्लैश कहा जा रहा है।
 
अमेरिका के आसमान में बिजली की इतनी लंबी लकीर खिंची कि इसे एक साथ तीन राज्यों में देखा गया। यह अब तक चमकी सबसे लंबी बिजली का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के रिकॉर्ड विभाग ने बताया है कि अप्रैल, 2020 में यह आकाशीय बिजली चमकी थी। यह इतनी लंबी थी कि टेक्सस, लुइसियाना और मिसिसिप्पी, तीनों राज्यों में इसे देखा गया।

इस बिजली की लंबाई दिल्ली की इस्लामाबाद से दूरी से भी ज्यादा करीब 770 किमी थी। या विश्व मौसम विज्ञान संगठन की प्रवक्ता क्लेयर नुलिस के शब्दों में कहें तो, "बिजली ने कुछ सेकेंड में जो दूरी तय की, उसे तय करने में एक हवाई जहाज को घंटों का समय लगेगा।"
 
इससे पहले सबसे लंबी बिजली का रिकॉर्ड ब्राजील में साल 2018 में चमकी बिजली के नाम था। इसकी चमक 709 किमी लंबी थी। विश्व मौसम संगठन में रिकॉर्ड विभाग के प्रमुख रैंडल सेर्वेनी ने कहा, "बिजली की इस चमक का इतने बड़े हिस्से में दिखना एक असाधारण घटना थी। हम इसे नाप पा रहे हैं, यह दिखाता है कि विज्ञान कितनी तरक्की कर चुका है।"
 
सैटेलाइट ट्रैकिंग से नापी लंबाई
रैंडल सेर्वेनी ने बताया कि ये घटनाएं जलवायु परिवर्तन से जुड़ी नहीं हैं और इन्हें नई सैटेलाइट ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी के जरिए खोजा और नापा गया।  उन्होंने यह जानकारी भी दी कि यह घटना बादलों के बीच, धरती से कई हजार फीट ऊपर हुई हालांकि चमकने के दौरान यह कई बार जमीन पर भी गिरी लेकिन इससे हुई किसी दुर्घटना के बारे में नहीं पता चला है।
 
विश्व मौसम संगठन की ओर से यह जानकारी भी दी गई कि अमेरिका और ब्राजील, दोनों ही दुनिया के कुछ ऐसे इलाकों में आते हैं, जहां भयंकर तूफान आने की संभावना होती है, जिससे ऐसे 'मेगाफ्लैश' घटित होते हैं। रैंडल सेर्वेनी ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में अभी बहुत खोजों की जरूरत है। यह भी संभव है कि इससे लंबी बिजलियां भी चमकी हों लेकिन उनका पता लगाना विज्ञान के लिए चुनौतीपूर्ण है और तकनीकी सुधारों के साथ यह संभव हो सकेगा।
 
आकाशीय बिजली क्यों गिरती है
आकाशीय बिजली का संबंध बादल बनने की प्रक्रिया से है। धरती पर होने वाले वाष्पीकरण से बादलों का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया के दौरान बादल आवेशित भी होते हैं यानी बादलों में ऋणात्मक और धनात्मक आवेश आ जाता है। अधिक आवेशित हो जाने के बाद इन बादलों के एक दूसरे से संपर्क का नतीजा आकाशीय बिजली के तौर पर दिखता है।
 
यह आकाशीय बिजली मुख्यत: तीन तरह की होती है। पहली में किसी एक बड़े बादल के अंदर ही ऋणात्मक और धनात्मक आवेश प्रतिक्रिया करते हैं और बिजली की चमक आसमान में दिखाई देती है। दूसरे में एक बादल का ऋणात्मक आवेश, दूसरे बादल के धनात्मक आवेश की ओर जाता है, इससे भी बिजली आकाश में ही दिखाई देती है और तीसरी में यह आवेश धरती की ओर बढ़ता है, जिससे आकाशीय बिजली धरती पर गिरती है। यह तीसरी बिजली ही धरती पर दुर्घटनाओं की वजह बनती है।
 
बिजली चमके तो घर के अंदर हो जाइए
सबसे लंबी चमक के अलावा बिजली से जुड़ा एक रिकॉर्ड सबसे ज्यादा देर तक चमकने वाली बिजली का है। यह रिकॉर्ड लैटिन अमेरिकी देशों उरूग्वे और अर्जेंटीना के उत्तरी हिस्से में बना था, जहां बिजली की चमक लगातार 17।1 सेकेंड तक देखी गई थी।
 
यह आकाशीय बिजली अक्सर धरती पर जान-माल के भारी नुकसान के लिए जिम्मेदार होती है। इसलिए घटना की जानकारी देते हुए विश्व मौसम विज्ञान संगठन की प्रवक्ता क्लेयर नुलिस ने बार-बार दी जाने वाली हिदायतों को भी दोहराया कि "जब भी आप बिजली चमकती देखें, घर के अंदर चले जाइए। समुद्र तट पर बनी झोपड़ियों में मत जाइए और किसी पेड़ के नीचे भी मत खड़े होइए।"
 
(रॉयटर्स)

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