तुर्की और सीरिया में छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या सोमवार को 34 हजार के पार चली गई। भारत तुर्की की मदद के लिए ऑपरेशन दोस्त चला रहा है और तुर्की इसके लिए उसको धन्यवाद कह रहा है।
1993 के बाद आए सबसे भयानक भूकंप में तुर्की में अब तक 29,695 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सीरिया में इस आपदा में 4300 लोग मारे गए हैं। तुर्की में भूकंप के बाद से ही दुनिया के तमाम देश मदद के लिए आगे आए हैं।
भारत ने भूकंप के अगले दिन ही तुर्की में राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमों को खोज और बचाव कार्य के लिए भेजा था। इसमें विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और सभी आवश्यक उपकरण शामिल थे। तुर्की में भारतीय दल के साथ डॉक्टर और पैरामेडिक्स भी मौजूद हैं। भारतीय टीमें लगातार सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ-साथ मेडिकल सुविधाएं भी दे रही हैं।
तुर्की में भारत का ऑपरेशन दोस्त
भारत ने तुर्की में इस खोज और राहत अभियान का नाम ऑपरेशन दोस्त दिया है। 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा था, "हमारी टीमें ऑपरेशन दोस्त के एक हिस्से के रूप में दिन-रात काम कर रही हैं। वे अधिक से अधिक लोगों के जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना जारी रखेंगी। इस संकटपूर्ण घड़ी में भारत तुर्की के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।"
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 12 फरवरी को ट्वीट कर जानकारी दी कि ऑपरेशन दोस्त के तहत राहत सामग्री लेकर सातवीं उड़ान तुर्की पहुंची। तुर्की के अलावा सीरिया के भी भूकंपग्रस्त इलाकों में ऑपरेशन दोस्त चलाया जा रहा है। सीरिया में रविवार को भारत ने राहत सामग्री की एक और खेप भेजी है। जिनमें जनरेटर, सौर लैम्प, दवाएं और अन्य राहत सामग्री शामिल हैं।
7th #OperationDost flight has delivered the relief material for Türkiye at Adana airport.
This included medical equipment like patient monitor, ECG, syringe pumps and disaster relief material, along with supplies for our teams on the ground. pic.twitter.com/v8JbjDOPNc
भारत की ओर से मदद के लिए तुर्की ने भारत को 'दोस्त' कहा और भूकंप से बचे लोगों के लिए आपातकालीन किट भेजने के लिए देश को धन्यवाद दिया। भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने सोमवार को सबसे घातक आपदाओं में से एक में बचे लोगों के लिए आपातकालीन किट भेजने के लिए भारत को धन्यवाद दिया।
राजदूत फिरात सुनेल ने भारत सरकार और लोगों का धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया, "धन्यवाद भारत! हर एक टेंट, प्रत्येक कंबल या स्लीपिंग बैग भूकंप से बचे लाखों लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।"
THANK YOU INDIA!
Each tent, each blanket or sleeping bag are of vital importance for the hundreds of thousands of earthquake survivors. https://t.co/v9rsXtdzjL
— Turkish Embassy-New Delhi/Yeni Delhi Büyükelçiliği (@TurkEmbDelhi) February 13, 2023
तुर्की से तनाव और मदद
तुर्की को भारत से सहायता ऐसे समय में मिली है जब संबंध अभी भी तनावपूर्ण हैं- विशेष रूप से कश्मीर पर तुर्की के बयानों के बाद। 2019 में तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की आलोचना की थी।
फिर भी यह तथ्य कि सरकार ने राजनीतिक विचारों को अलग रखा और सहायता भेजी, ठीक वैसे ही जैसे तुर्की ने कोविड के दौरान भारत को राहत भेजने में किया था। जानकारों का मानना है कि विशेष रूप से भारत की जी-20 अध्यक्षता वाले वर्ष में भारत की सहायता ने विकासशील दुनिया के नेता के रूप में अपनी छवि को चमकाया है।
एर्दोवान ने अपने आखिरी भारत दौरे (2017) में कश्मीर को लेकर बयान दिया था जिसपर काफी विवाद हुआ था। साल 2019 में नरेंद्र मोदी तुर्की जाने वाले थे लेकिन एर्दोवान के यूएन में कश्मीर को लेकर दिए बयान के कारण वह दौरा टल गया था।
संगठन और आम लोग मदद के लिए आगे आए
भारत सरकार के अलावा कई संगठन और देश के आम नागरिक भी भूकंप पीड़ितों के लिए जरूरत का सामान दान कर रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीयों द्वारा दान की गई सामग्री लेकर तुर्की एयरलाइन्स की एक फ्लाइट ने सोमवार को दिल्ली से उड़ान भरी। तुर्की के दूतावास के मुताबिक तुर्की एयरलाइंस भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में रोज इस तरह की मदद मुफ्त में पहुंचा रही है। देश के कई एनजीओ, संगठन और आम नागरिक मदद के लिए आगे आए हैं और राहत सामग्री जुटाकर तुर्की के दूतावास तक पहुंचा रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में भारत बचाव कार्य में मदद के लिए पांच सी-17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमान से तुर्की को दवाएं, एक सचल अस्पताल और विशेष खोजी और बचाव टीम भेज चुका है। भारत ने सीरिया को भी भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान से राहत सामग्री भेजी है।