इनका भी है पाकिस्तान

गुरुवार, 24 नवंबर 2016 (10:23 IST)
पाकिस्तान की अनुमानित 20 करोड़ की आबादी में लगभग 95 फीसदी मुसलमान हैं। इनमें भी बहुसंख्यक सुन्नी हैं जिनकी संख्या 75 से 85 फीसदी बताई जाती है। एक नजर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों पर।
 
शिया : शिया मुसलमान पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है जिसकी आबादी से 10 से 15 फीसदी बताई जाती है। हाल के सालों में पाकिस्तान में कई बार शिया धार्मिक स्थलों को आतंकवादी हमलों में निशाना बनाया गया है।
अहमदी : पाकिस्तान की जनसंख्या में अहमदी मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग 2।2 प्रतिशत है। हालांकि पाकिस्तान में इन्हें मुसलमान नहीं माना जाता। 1970 में दशक में एक कानून पारित कर इन्हें गैर मुसलमान घोषित कर दिया गया था और इनके साथ कई तरह के भेदभाव होते हैं।
 
हिंदू : पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगभग दो प्रतिशत है जिनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत में रहते हैं। पाकिस्तान में हिंदू बेहद पिछड़े हैं और अभी तक बुनियादी अधिकारों के लिए जूझ रहे हैं।
 
ईसाई : हिंदुओं के बाद पाकिस्तान में संख्या के हिसाब से ईसाई समुदाय की बारी आती है। उनकी आबादी लगभग 1।6 प्रतिशत है जबकि संख्या देखें तो यह 28 लाख के आसपास है। हाल के सालों में कई चर्चों पर हमले हुए हैं।
 
बहाई : बहाई धर्म को मानने वालों की संख्या पाकिस्तान में 40 से 80 हजार हो सकती है।
 
सिख : सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म मौजूदा पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुआ था। यह स्थान सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। पाकिस्तान में अब सिर्फ लगभग 20 हजार ही सिख बचे हैं।
 
पारसी : पारसियों की आबादी दुनिया भर में घट रही है। पाकिस्तान में भी ऐसा ही ट्रेंड दिखाई पड़ता है। वहां इनकी संख्या चंद हजार तक सिमट गई है।
 
कलाश : खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के चित्राल में रहने वाला कलाश समुदाय अपनी अलग संस्कृति के लिए जाना जाता है। उनकी अलग भाषा और अलग धर्म है। लगभग तीन हजार की आबादी के साथ इसे पाकिस्तान का सबसे छोटा धार्मिक समुदाय माना जाता है।

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