Protests against Donald Trump and Elon Musk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार एलन मस्क के खिलाफ यूरोप के कई बड़े शहरों में प्रदर्शन हुए हैं। अकेले अमेरिका में करीब 1,200 प्रदर्शनों का एलान किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों से शुरू हुए टैरिफ युद्ध की झल्लाहट अब कई देशों के आम लोगों में भी दिखने लगी है। जर्मनी की वित्तीय राजधानी फ्रैंकफर्ट में शनिवार को ट्रंप और मस्क के खिलाफ हुए प्रदर्शन में 'अपने हाथ दूर रखो' जैसे संदेश भी दिखाई पड़े।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार एलन की आलोचना करने वाले इस प्रदर्शन को डेमोक्रेट्स एबरॉड नाम के संगठन ने आयोजित किया। यह विदेशों में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए काम करने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी की संस्था है। शहर के ओपेरनप्लात्स में हुए इस प्रदर्शन के दौरान एक बोर्ड पर अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए, 'दुनिया आपकी बेहूदा बातों से तंग आ चुकी है डोनाल्ड' भी लिखा हुआ था।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में लोगों ने टेस्ला के शोरूम के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों ने विदेशों में रह रहे अमेरिकियों से अपील करते हुए कहा कि वे अपना घर में फैली अव्यवस्था को सुधारें। बर्लिन में एक बैनर पर लिखा था, 'चुप रहो एलन, तुम्हें किसी ने वोट नहीं दिया।' अपने कुत्ते के साथ मौजूद एक प्रदर्शनकारी ने उस पर लगाए संदेश में लिखा था, 'डॉग्स अंगेस्ट डॉज (डीओजीई)।' ट्रंप प्रशासन में एलन मस्क डीओजीई, यानी डिपार्टमेंट ऑफ गर्वंमेंट एफिशिएंसी के प्रभारी हैं। ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल में सरकार को चुस्त बनाने का दावा करने वाले मस्क कई अहम एजेंसियों की फंडिंग काट चुके हैं।
पेरिस, लिस्बन, रोम और लंदन में भी प्रदर्शन
फ्रांस की राजधानी पेरिस में करीब 200 लोगों ने प्रदर्शन किया। इनमें ज्यादातर अमेरिकी नागरिक ही थे। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप को 'निरंकुश शासक' की उपमा दी और कानून सम्मत शासन की वापसी की मांग की। समाचार एजेंसियों के मुताबिक, ऐसे ही प्रदर्शन पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन और इटली की राजधानी रोम में भी हुए। कई प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और मस्क की साझेदारी को 'सत्ता के बल पर फायदा चूसते अरबपतियों की जोड़ी' करार दिया।
ब्रिटेन की राजधानी लंदन के ट्राफलगार स्क्वेयर पर भी सैकड़ों लोग जमा हुए। इस दौरान 'गर्व से भरे अमेरिकी शर्मिंदा हैं', 'कनाडा से दूर रहो' और 'यूक्रेन से हाथ दूर रखो' जैसे नारे भी सुनाई पड़े।
शनिवार को कई अमेरिकी शहरों में भी ट्रंप के खिलाफ बड़े प्रदर्शनों का एलान किया गया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप सत्ता में आने के बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखेंगे। अमेरिका में करीब 1,200 प्रदर्शनों का एलान किया गया है। कनाडा और मेक्सिको के 50 जगहों पर भी ऐसे ही प्रदर्शन आयोजित किए जाने की योजना है।
टैरिफ वॉर का असर
20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद का दूसरा कार्यकाल शुरू करने वाले ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद से ही कई ऐसे आदेश पास किए हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में खलबली मचा दी है। फैसलों की इस कड़ी में इसी हफ्ते ट्रंप ने यूरोपीय संघ, जर्मनी, चीन और भारत समेत कई देशों पर तगड़ा आयात शुल्क लगाया है। टैरिफ युद्ध कहे जाने वाले इन एलानों के बाद से दुनिया भर के बड़े शेयर बाजार गोता लगा रहे हैं। कई देशों को अपनी आर्थिक नीतियां बदलने में मजबूर होना पड़ा है।
टैरिफ युद्ध का झटका अमेरिकी जनता को भी झेलना पड़ेगा। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर ट्रंप ने एक पोस्ट में लिखा, 'चीन पर अमेरिका से ज्यादा तगड़ा असर पड़ा है। यह एक जैसा असर नहीं है। वह और कई अन्य देश हमारे साथ बुरे तरीके से पेश आए। हम भौंदू और लाचार होकर मार झेल रहे थे, लेकिन अब नहीं।' ट्रंप ने आगे लिखा, 'यह एक आर्थिक क्रांति है और हम इसे जीतेंगे। मजबूती से अड़े रहें, यह आसान नहीं होगा, लेकिन अंत में नतीजा ऐतिहासिक होगा। हम फिर से अमेरिका को महान बनाएंगे।'