इस बीच बांग्लादेश का कहना है कि सभी शरणार्थियों को उनके घर वापस जाना होगा। इसके साथ ही उसने म्यांमार में सुरक्षित जोन बनाने की मांग की है। लेकिन म्यांमार ने सुरक्षित जोन बनाने से साफ इनकार किया है। सहायता एजेंसियों ने अपना अभियान तेज कर दिया है, क्योंकि बड़ी संख्या में शरणार्थी म्यांमार से भाग रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि सहायता के लिए 7.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर की जरूरत संयुक्त राष्ट्र ने बतायी थी लेकिन अब लगा रहा है कि यह रकम भी छोटी होगी। इधर भारत ने कहा है कि वह शरणार्थियों के लिए राहत का सामान भेजना शुरू कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि गुरुवार से विमान राहत सामग्री लेकर उड़ान भरना शुरू कर देंगे। सबसे पहले रोहिंग्या मुसलमानों के लिए खाने पीने का सामान और मच्छरदानी भेजी जा रही है। खाने पीने के सामान में चावल, दाल, चीन, नमक, कुकिंग ऑयल, चाय, नूडल्स और बिस्किट हैं।