लॉकडाउन के बाद खुले स्मारकों में दिल्ली के 10 प्रमुख स्मारकों में से एक कुतुब मीनार को देखने 10 दिनों के दौरान सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचे। करीब 3 महीने बाद स्मारक खोले गए हैं, लेकिन कुतुब मीनार देखने ज्यादा लोग पहुंचे।
12वीं सदी में बना कुतुब मीनार 6 जुलाई से अब तक करीब 1,200 पर्यटकों का स्वागत कर चुका है। इसमें लगभग 50 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। पिछले सप्ताहांत में कुतुब मीनार में करीब 700 पर्यटकों की मौजूदगी दर्ज की गई। कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते देशभर के नागरिक करीब 70 दिनों से घरों में ही बंद रहे।
लॉकडाउन के बाद जब स्मारकों को खोलने की अनुमति मिली, तो कुतुब मीनार में शनिवार और रविवार को सबसे ज्यादा पर्यटक देखे गए। बीते शनिवार को करीब 270 और रविवार को करीब 400 से 450 पर्यटक देखे गए। कुतुब मीनार को देखने के लिए ज्यादातर युवा और पारिवारिक लोग पहुंच रहे हैं। हालांकि कोरोना बीमारी के खतरे को देखते हुए बुजुर्गों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।
कुतुब मीनार के संरक्षण सहायक (सीए) अरविंद सेमवाल ने बताया कि लॉकडाउन के बाद दिल्ली के सभी स्मारकों में कुतुब मीनार को देखने सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचे हैं। अब तक करीब 1,200 पर्यटक कुतुब मीनार को देखने आ चुके हैं।
सेमवाल के मुताबिक लॉकडाउन लगने से पहले कुतुब मीनार में रोजाना करीब 5,000 से 6,000 पर्यटक आते थे। लेकिन पहले के मुकाबले अभी फिलहाल पर्यटकों की संख्या बेहद कम है। उनके मुताबिक हमने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जगह-जगह पैम्फलेट लगाए हैं जिसमें कोरोना को लेकर जानकारी दी गई है। पर्यटकों के लिए ऑनलाइन टिकट खरीदने की व्यवस्था की गई है, क्योंकि स्मारक में टिकट काउंटर की व्यवस्था नहीं है।
कोरोना महामारी को देखते हुए दिल्ली के सभी 174 स्मारकों को हर दिन सैनिटाइज किया जाता है। 2 गज की दूरी के लिए निशान भी बनाए गए हैं, साथ ही पयर्टकों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह पैम्फलेट भी चिपकाए गए हैं। आने वाले पर्यटकों को सरकार द्वारा तय किए गए नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होता है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुताबिक कुतुब मीनार दिल्ली के 10 प्रमुख स्मारकों में शामिल है। अन्य 9 स्मारकों में हुमायूं मकबरा, सफदरजंग टॉम्ब, पुराना किला, जंतर-मंतर, तुगलकाबाद फोर्ट, कोटला फिरोज शाह, खान-ए-खाना, सुल्तान घड़ी, हौज खास और लाल किला शामिल हैं।