ब्रिक्स सम्मेलन पर यूक्रेन युद्ध का साया

DW

बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 (07:59 IST)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब ब्रिक्स सम्मेलन के बारे में बात करने के लिए पत्रकारों के सामने आए तो ब्रिक्स देशों के इन पत्रकारों के ज्यादातर सवाल यूक्रेन युद्ध के इर्द-गिर्द ही थे।
 
पुतिन ने कहा कि वे यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्से नहीं छोड़ेंगे। पुतिन का संक्षिप्त उत्तर यह था कि मॉस्को यूक्रेन के उन चार क्षेत्रों को नहीं छोड़ेगा, जिन्हें अब रूस का हिस्सा कहा जाता है, भले ही कुछ हिस्से अभी भी उसके नियंत्रण से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि रूस चाहता है कि यूरोप में उसकी दीर्घकालिक सुरक्षा को ध्यान में रखा जाए।
 
रूस चाहता है कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन गैर-पश्चिमी दुनिया की बढ़ती ताकत को दिखाए। लेकिन, चीन, भारत, ब्राजील और अरब देशों से उसके साथी, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में युद्ध खत्म करने का रास्ता निकालने के लिए कह रहे हैं। इसलिए सम्मेलन पर यूक्रेन युद्ध का साया मंडरा रहा है।
 
ब्रिक्स समूह अब दुनिया की 45 फीसदी जनसंख्या और 35 फीसदी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। यह आंकड़ा क्रय शक्ति के आधार पर है, जिसमें चीन की आर्थिक ताकत आधे से अधिक है।
 
'किसी के खिलाफ नहीं ब्रिक्स'
पश्चिम द्वारा युद्ध अपराधी माने जाने वाले पुतिन ने ब्रिक्स देशों के पत्रकारों से कहा, "ब्रिक्स किसी के खिलाफ नहीं है।" उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास के वाहक बदल रहे हैं, और यह एक सच्चाई है।
 
पुतिन ने कहा, "यह देशों का एक समूह है, जो साझा मूल्यों और विकास के सामान्य दृष्टिकोण पर एक साथ काम करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, वे एक-दूसरे के हितों को ध्यान में रखते हैं।"
 
पुतिन ने कहा कि पश्चिम अब समझ गया है कि रूस विजयी होगा लेकिन वह इस्तांबुल में अप्रैल 2022 में हुए युद्धविराम समझौते के मसौदे के आधार पर बातचीत के लिए तैयार हैं।
 
कजान में इस हफ्ते होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले, पुतिन ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से उनके नोवो-ओगार्योवो निवास पर लंबी अनौपचारिक बातचीत की।
 
गुटेरेश से नाराज यूक्रेन
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश की आलोचना की। मंत्रालय का कहना है कि गुटेरेश ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया, जबकि उन्होंने यूक्रेन युद्ध पर "शांति शिखर सम्मेलन" में भाग लेने से इनकार कर दिया था।
 
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने स्विट्जरलैंड में हुए पहले वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन के लिए यूक्रेन का निमंत्रण ठुकरा दिया। लेकिन उन्होंने युद्ध अपराधी पुतिन के कजान निमंत्रण को स्वीकार कर लिया। यह गलत फैसला है, जो शांति के उद्देश्य को आगे नहीं बढ़ाता। यह केवल संयुक्त राष्ट्र की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।"
 
इस महीने की शुरुआत में, रूसी विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता ने कहा था कि गुटेरेश ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से कहा था कि वह कजान जाने का इरादा रखते हैं। लेकिन सोमवार को जब गुटेरेश के प्रवक्ता फारहम हक से उनके यात्रा कार्यक्रम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "उनकी आगामी यात्राओं के बारे में घोषणा बाद में की जाएगी।"
 
स्विट्जरलैंड में जून में आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में 90 से अधिक देशों ने भाग लिया था। सम्मेलन ने रूस के आक्रमण की निंदा की और संघर्ष को समाप्त करने के रास्ते खोजे, हालांकि रूस को आमंत्रित नहीं किया गया था और उसने इसे निरर्थक करार दिया था। भारत ने उस सम्मेलन के साझा बयान में शामिल होने से इनकारकर दिया था।
 
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि वह इस साल के अंत तक दूसरा शिखर सम्मेलन आयोजित करना चाहते हैं, लेकिन रूस ने इसमें भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है। गुटेरेश ने पहले कहा था कि वह स्विट्जरलैंड के सम्मेलन में नहीं जाएंगे, हालांकि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि उस सम्मेलन में शामिल हुए थे।
 
यूक्रेन में शांति की कोशिशें
दो रूसी सूत्रों ने बताया कि मॉस्को में युद्धविराम समझौते की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है, लेकिन अभी तक कुछ ठोस नहीं हुआ है। दुनिया 5 नवंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे का इंतजार कर रही है।
 
रूस ने यूक्रेन का लगभग पांचवां हिस्सा कब्जा लिया है। इसमें 2014 में कब्जा किया गया क्रीमिया भी शामिल है। इसके अलावा डोनबास क्षेत्र के लगभग 80 फीसदी और जापोरीजिया और खेरसोन क्षेत्रों के 70 फीसदी से अधिक हिस्से पर रूस का नियंत्रण है।
 
ब्रिक्स से पहले पुतिन ने शेख मोहम्मद और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की यूक्रेन पर मध्यस्थता के प्रयासों की सराहना की। हालांकि क्राउन प्रिंस कजान में शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे।
 
शेख मोहम्मद ने पुतिन से कहा, "मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम इस दिशा में काम करना जारी रखेंगे। हम दोनों पक्षों के हितों में शांति के लिए कोई भी प्रयास करने को तैयार हैं।"
 
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलनमें शामिल होंगे। हालांकि, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा अपने घर में गिरने से सिर पर चोट लगने के कारण डॉक्टरों की सलाह पर लंबी उड़ान से बच रहे हैं।
वीके/सीके (रॉयटर्स, एपी)

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