बाइडन द्वारा भेजे गए पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल ताइवान की राजधानी ताइपेई पहुंच गया है। रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद ही ताइवान ने कहा था कि चीन भी ऐसे समय में उस पर हमला कर सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा भेजे गए इस प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व अमेरिकी सेना के पूर्व जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ माइक मलेन कर रहे हैं। चीन ने इस दल के दौरे की निंदा की है। चीन ताइवान को अपना इलाका मानता है और उसे अपने अधीन लाने का प्रण ले चुका है।
अमेरिकी दल में मलेन के अलावा पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मेघन ओ'सलिवन और पूर्व रक्षा अवर सचिव मिशेल फ्लोरनॉय, राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल में एशिया के लिए पूर्व वरिष्ठ निदेशक माइक ग्रीन और एवन मेदेरोस शामिल हैं।
दौरे से नाराज चीन
एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार इस दल के दौरे का उद्देश्य यह दिखाना है कि ताइवान के लिए हमारा मजबूत समर्थन बरकरार है। दल एक निजी जेट में ताइपेई के सोंगशान हवाई अड्डे पर पहुंचा जहां उसके सदस्यों का स्वागत ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू ने किया। दल के सदस्य बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मिलेंगे। उसी दिन वहां अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी पहुंचेंगे, हालांकि वो अलग से और अपनी निजी क्षमता में वहां जा रहे हैं।
चीन ताइवान को अमेरिका के साथ अपने रिश्तों में सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा मानता है और कोई भी उच्च स्तरीय बातचीत या दौरा उसे परेशान करता है। इस दल के दौरे को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंबिन ने कहा कि हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता के बचाव में खड़े रहने की हमारे लोगों की इच्छाशक्ति अडिग है। अमेरिका जिसे भी ताइवान के समर्थन के लिए भेजेगा वो असफल ही होगा।
जंगी जहाज पर विवाद
ताइवान के प्रीमियर सू सेंग-चांग ने पत्रकारों को बताया कि यह दौरा ताइवान-अमेरिका रिश्तों और ताइवान के रुख दोनों की अहमियत को और ताइवान के प्रति अमेरिका के पक्के समर्थन को दिखाता है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत अच्छी बात है।
हालांकि इस दल ने ताइवान पहुंचने के लिए सामान्य रास्ता नहीं लिया। सामान्य रूप से पूर्वी चीनी सागर के ऊपर से ताइवान पहुंचा जाता है लेकिन इस बार इस दल का जहाज ताइवान के उत्तर पूर्वी तट की तरफ से देश में घुसा और चीनी मार्ग से पूरी तरह से दूर रहा। यह जानकारी उड़ानों को ट्रैक करने वाली वेबसाइट फ्लाइटराडार24 से मिली।
इसके पहले शनिवार को एक अमेरिकी जंगी जहाज संवेदनशील ताइवान स्ट्रेट से होकर गुजरा था। अमेरिकी सेना से इसे सामान्य गतिविधि बताया लेकिन चीन ने इसे उकसाने वाला बताया। मंगलवार को वांग ने और आगे बढ़ कर और कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ऐसा करके चीन को धमकाने और उस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है तो हमें उन्हें यह बता देने की जरूरत है कि 1।4 अरब चीनी लोगों की इस्पात की महान दीवार के आगे कोई भी सैन्य शक्ति कबाड़ से ज्यादा कुछ नहीं है। ताइवान स्ट्रेट से अमेरिकी जंगी जहाज के गुजरने हथकंडा उन्हीं को मुबारक को जो मूर्खों की तरह आधिपत्य में विश्वास करते हैं।(फोटो सौजन्य : डॉयचे वैले)