वैवाहिक जीवन और शनि

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कुंडलमेपंचभाप्रेसप्तभाविवामानजातहैद्वादभाशैय्यसुभामानजातहैभावोमेप्राय: शनि होनक्यप्रभासकतहैं, आइदेखें -

शनि पाग्रमानजातहैयदि शनि सप्तभामेकिसअन्ग्रदृष्टि नहीै, मंगबृहस्पति अन‍ुकूनहीहैजातविवादेहोतै, अपनबड़उम्साथमिलतहै

मगयदि शनि सप्तमेकिसअन्ग्रसाो, शुक्बृहस्पति दृष्टि मेविवाअक्सजल्दबाजमें, उम्मेहोतदेखगयहैविशेषत: यदि शनि नीो व मंगसाो, बृहस्पति दृष्विवाउम्में व गलनिर्णरूमेफलीभूहोतहै

यदि शनि लग्नेश, सप्तमेपंचमेहोकसप्तम, पंचलग्मेो, शुदृष्टि मेविवाजल्दहोतै, प्रेविवाहोतगलनिर्णरूमेसामनआतहै

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सप्तमेशनि मुख्‍यत: जीवनसाथहीमानसिकतद्योतहैकुंडलमेसप्तमस्शनि पत्नपति अहंकारी, चिड़चिड़ा व हीनतग्रस्बनातहैस्वार्अधिकतकारसतवाद-विवाद व कलचलतजीवदुखदाजातहैमगविवाटूटनजैसस्थिति नहीआतीयानसप्तमस्शनि संपूर्जीवक्लेपूर्बनारखतहैयहव्यशनि देखजातहैंसप्तशनि जीवनसाथव्यसनाधीबनदेतहैदुर्घटनरहतहैप्राय: आये 42वेवर्कष्बनरहतहैशनि नीप्रभाउत्कजातहैं

त: कुंडलमेमंगसाशनि विचार व मिलाकरनचाहिक्योंकि मंगतत्कापरिणादेकशेजीवजीनलिमुक्देतै, मगसप्तशनि जीवकलबेड़ियोमेजकड़कजीनविवकरतहै

शनि दृष्टि सप्तजीवनसाथरंग-रूअच्छनहीहोता, प्रारंभिजीवकष्मेबीततमगव्यसनाधीनतवाद-विवानहीहोतहैसप्तशनि उच्होनबुरप्रभाजातहैं

विशेष : हालाँकि सप्तमस्शनि (निर्बनीच) पूर्जन्कर्मोप्रतिकूपरिणारूमेहोतमगशनि दान, पूजन व नियमिध्यान, इष्देस्मरकरकस्थिति थोड़नियंत्रमेलायसकतहै

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