लेकिन अब चाय भी वर्ग में बंट गई है, ग्रीन टी, ब्लैक टी, हर्बल टी, और पता नहीं कौन-कौन सी टी जो चाय कम, लेबोरेटरी का प्रोजेक्ट ज्यादा लगती है। अरे भई, चाय वो जो कुल्हड़ में खनके, जिसमें अदरक की झन्नाट हो और जो गले से उतरते ही मां की फटकार और दादी के हल्के थप्पड़ की याद दिलाए।