परिचय : मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर की स्थापना वर्ष 1715 में हुई थी। शहर का नाम यहां पर स्थापित इंद्रेश्वर मंदिर के नाम पर पड़ा। इंदौर शहर को राजवाड़ा, लालबाग एवं अन्य ऐतिहासिक स्मारकों के रूप में जाना जाता है। होलकर शासक अहिल्याबाई के नाम से भी इंदौर की पहचान है।
जनसंख्या की दृष्टि से इंदौर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। यह शहर एजुकेशन हब के रूप में भी जाना जाता है। यह भारत का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दोनों ही हैं। इंदौर शहर शानदार बाजारों, मनोरंजन और विभिन्न तरह के व्यंजनों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
जनसंख्या : 2011 की जनगणना के अनुसार इंदौर की जनसंख्या 34 लाख 76 हजार 667 है, जिसमें से 17 प्रतिशत आबादी ग्रामीण और 82 प्रतिशत जनसंख्या शहर में निवास करती है। इंदौर जनसंख्या के लिहाज से भारत का 14वां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर है। हालांकि एक अनुमान के मुताबिक इंदौर की जनसंख्या 40 लाख से ज्यादा है।
अर्थव्यवस्था : सॉफ्टवेयर, ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल्स आदि इस शहर के कुछ प्रमुख उद्योग हैं। फैशन की दुनिया में भी इंदौर अग्रणी स्थान रखता है। इंदौर की अर्थव्यवस्था में मेडिकल सेक्टर भी बड़ा योगदान देता है। अब समय के साथ यहां व्यापार में भी बदलाव आया है। बाजारों का रूप मॉल कल्चर ने ले लिया। पूरे प्रदेश से लोग यहां व्यापार और रोजगार की तलाश में आते हैं। सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र, पालदा, पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया धार जिले में आता है, लेकिन कंपनियों के ऑफिस इंदौर में ही हैं। उद्योगों के चलते यहां रोजगार की अपार संभावनाएं।
16वीं लोकसभा में स्थिति : भाजपा की सुमित्रा महाजन ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में लगातार आठवीं बार जीत हासिल की। उन्होंने पहली बार 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृहमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी को एक लाख से ज्यादा मतों से हराया था। 16वीं लोकसभा में महाजन लोकसभा अध्यक्ष भी रही हैं।