विदिशा लोकसभा सीट परिचय

विदिशा से कांग्रेस ने 2014 में जीते प्रत्याशी शशांक श्रीकृष्ण भार्गव को इस बार टिकट न देकर शैलेंद्र पटेल को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने रमाकांत भार्गव को सुषमा स्वराज की जगह मैदान में उतारा है।

परिचय : विदिशा भारतवर्ष के प्रमुख प्राचीन नगरों में से एक है। कुछ विद्वानों का मानना है कि विविध दिशाओं के लिए यहां से मार्ग जाने के कारण ही इस नगर का नाम विदिशा पड़ा। इसका पुराना नाम भेलसा भी है। विदिशा पर्यटकों एवं दर्शकों की रुचि के ऐतिहासिक एवं दर्शनीय प्राचीन स्मारकों से भरा पड़ा है। 
 
जनसंख्‍या : 2011 की जनगणना के मुताबिक विदिशा की जनसंख्या 24 लाख 89 हजार 435 है। यहां की 81.39 फीसदी आबादी ग्रामीण और 18.61 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है।
 
अर्थव्यवस्था : विदिशा में खेती-किसानी का कार्य प्रमुख रूप से किया जाता है। साथ ही यहां नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। यहां 30 करोड़ रुपए की लागत से उद्योगों के लिए आवश्यक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। 
 
मतदाताओं की संख्‍या : लोकसभा चुनाव 2014 के मुताबिक यहां मतदाताओं की कुल संख्‍या 16 लाख 34 हजार 370 है, जिसमें 8 लाख 72 हजार 410 पुरुष और 7 लाख 61 हजार 960 महिलाएं हैं। 
 
भौगोलिक स्थिति : विदिशा मालवा के उपजाऊ पठारी क्षेत्र के उत्तर-पूर्व हिस्से में स्थित है तथा पश्चिम में मुख्य पठार से जुड़ा हुआ है। इस क्षेत्र की जलवायु अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक है। कर्क रेखा के आसपास स्थित इस क्षेत्र में न अधिक ठंड पड़ती है, न ही अधिक गर्मी। 
 
16वीं लोकसभा में स्थिति : भाजपा की दिग्गज नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज यहां की सांसद हैं। वे लगातार दो बार यहां से लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। सुषमा स्वराज ने चुनाव में मप्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह को हराया था। यह लोकसभा सीट देश की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है। 1967 से अस्तित्व में आए इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस सिर्फ 1980 और 1984 में ही चुनाव जीत पाई है।

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