कांग्रेस महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी के एक्शन मोड में आने से बीजेपी भले ही यह कह रही हों कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन भाजपा नेता-मंत्रियों के बयान उनकी बौखलाहट को दिखा रहे हैं। गंगा यात्रा के बाद पूर्वी उत्तरप्रदेश में खलबली मच गई है।
लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस उत्तरप्रदेश में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी और सिर्फ 2 सीटों पर उसे जीत मिली थी, लेकिन अब प्रियंका कांग्रेस को 'संजीवनी' देने में लगी हुई हैं। प्रियंका ने पीएम मोदी को घेरने के लिए चक्रव्यूह तैयार किया है और इसकी शुरुआत उन्होंने 'गंगा यात्रा' से की थी।
इस 'गंगा यात्रा' को प्रियंका ने प्रयागराज से शुरू करते हुए वाराणासी पर समाप्त किया, जो कि पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है। गंगाजल से आचमन, माथे पर टीका, गले में रुद्राक्ष की माला, विंध्यवासिनी के दर्शन, बाबा विश्वनाथ के दर्शन, अस्सी घाट पर गंगा आरती, जय हिन्द के नारे। प्रियंका उन्हीं तरीकों को अपना रही हैं, जो पीएम मोदी अपनाते हैं। अब प्रियंका अयोध्या भी जाने वाली हैं।
लोकसभा 2014 के चुनाव में जहां मोदी को 'गंगा का बेटा' कहकर प्रचारित किया गया था, वहीं प्रियंका की गंगा यात्रा के दौरान उन्हें 'गंगा की बेटी' बताया गया। पीएम मोदी जहां वंशवाद को लेकर प्रियंका पर निशाना साध रहे हैं, वहीं प्रियंका अपनी यात्रा के दौरान पीएम पर सत्ता के नशे को लेकर पलटवार करती हैं।
बीजेपी नेताओं में भी कहीं न कहीं प्रियंका के ऐसे प्रचार को लेकर बौखलाहट है और ये उनकी बेतरतीब बयानबाजी से झलकता है। यूपी में बीजेपी को भी प्रियंका से कहीं न कहीं खतरा नजर आ रहा है लेकिन प्रियंका की परीक्षा होना बाकी है और उनका जादू कितना चलता है, यह तो 23 मई को लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद ही सामने आएगा।