उन्होंने कुमारी शैलजा के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश ने कभी अहंकार को माफ नहीं किया। दुर्योधन में भी अहंकार था, जब भगवान कृष्ण उन्हें समझाने गए तो उनको भी दुर्योधन ने बंधक बनाने की कोशिश की।
प्रियंका गांधी ने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता की कुछ लाइनें भी रैली में सुनाई। उन्होंने कहा, 'जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान कुपित होकर बोले-जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हां, हां दुर्योधन! बांध मुझे।'