नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद पार्टी नेता एवं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि अब ‘स्थिति’ आडवाणी को स्पष्ट करनी है। उमा भारती ने साथ ही यह भी कहा कि चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने से आडवाणी का कद प्रभावित नहीं होता।
उमा भारती ने 91 वर्षीय नेता की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे आडवाणी ही थे जिन्होंने पार्टी को ऐसी स्थिति में लाने में एक अहम भूमिका निभाई कि आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। उमा ने यह भी कहा कि आडवाणी ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में किसी पद की कभी इच्छा नहीं जताई।
उन्होंने कहा कि अभी आडवाणीजी ही ऐसे व्यक्ति हैं जो इस पर टिप्पणी कर सकते हैं। उमा ने कहा कि उनके (उमा भारती) सहित अन्य के लिए टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
उमा भारती ने यह बात आडवाणी को लोकसभा चुनाव में गुजरात की गांधीनगर सीट से उम्मीदवार नहीं बनाने को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब कही। आडवाणी गांधीनगर सीट पर 1998 से जीत रहे हैं। आगामी चुनाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे।
आडवाणी का नाम भाजपा के उम्मीदवारों की सूची में नहीं होने के बारे में भाजपा या 91 वर्षीय आडवाणी की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
भाजपा ने कई वरिष्ठ नेताओं जैसे शांता कुमार, बीसी खंडूरी और करिया मुंडा को चुनाव में नहीं उतारा है। इसे मोदी और शाह के नेतृत्व में पार्टी की युवा नेताओं को उनके स्थान पर तैयार करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। इन नेताओं में से कुछ ने आगामी चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई थी।
उमा भारती ने कहा कि एक निश्चित आयु से अधिक के नेताओं को चुनावी टिकट नहीं देने के बारे में कोई एक नीति नहीं हो सकती और उन्होंने कहा कि पार्टी ने कई युवा सांसदों को भी इस बार टिकट नहीं दिया है।
59 वर्षीय उमा भारती स्वयं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं और उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी इस इच्छा से काफी समय पहले पार्टी को अवगत करा दिया था। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा गंगा नदी के किनारे 18 महीने की पैदल यात्रा पर जाने की है।