द्रमुक के 20 उम्मीदवारों में से 6 प्रत्याशी तो प्रमुख नेताओं के बेटे हैं, जबकि अन्नाद्रमुक ने ऐसे 4 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। हालांकि द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों का कहना है कि उम्मीदवारों की कठिन मेहनत और पार्टी के प्रति उनकी वफादारी को ध्यान में रखा गया है और उन्हें सिर्फ इस आधार पर टिकट से इंकार नहीं किया जा सकता कि उनके परिजन राजनीति में हैं।
राज्य की 2 मुख्य राजनीतिक पार्टियां वंशवाद की राजनीति पर सवालों का सामना कर रही हैं लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के लिए अजीब स्थिति है, क्योंकि जे. जयललिता अपनी चिरविरोधी द्रमुक को वंशवाद के मुद्दे पर हमेशा निशाना बनाती रही हैं।
दोनों ही पार्टियां 20-20 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं जबकि बाकी 19 सीटें उन्होंने अपने सहयोगियों को दी हैं। राज्य में 39 लोकसभा सीटों के लिए 1 चरण में ही 18 अप्रैल को चुनाव होंगे। द्रमुक के दिवंगत नेता एम. करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन, पूर्व नेता एमके अल्लागिरि और उनकी बेटी कनिमोझी सक्रिय राजनीति में हैं।