चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर हुए कुल मतदान में 2 फीसदी लोगों ने नोटा का चयन किया। दमन और दीव में 1.7 फीसदी, आंध्रप्रदेश में 1.49 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 1.44 फीसदी मतदाताओं ने नोटा का चयन किया।
16वीं लोकसभा के चुनाव में 2014 में पहली बार संसदीय चुनाव में नोटा की शुरुआत हुई। इसमें करीब 60 लाख मतदाताओं ने नोटा के विकल्प को चुना। यह लोकसभा चुनाव में हुए कुल मतदान का 1.1 फीसदी था, वहीं 17वें लोकसभा चुनाव में गोपालगंज में सबसे ज्यादा 51,660 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। कुल 5.04 फीसदी मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया, जो देश में सबसे ज्यादा था।