बताया जा रहा है कि यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। कमलनाथ को गैर भाजपाई दलों से संपर्क करने और उनको यूपीए के साथ लाने की अहम का काम सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उड़ीसा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक से फोन पर बात कर इसकी शुरुआत भी कर दी है।
राजनीति के जानकार कहते हैं कि कमलनाथ को उनके लंबे सियासी अनुभव और सियासी मैनेजमेंट में बेहतर होने की वजह मानते हैं। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सपा, बसपा, टीएमसी, डीएमके और तेलुगुदेशम सहित अन्य क्षेत्रीय दल जो भाजपा के साथ नहीं हैं, उनसे बात करके चुनाव के बाद गठबंधन की संभावना तलाशने का काम करेंगे।
गठबंधन सरकार के लिए सोनिया भी सक्रिय : 23 मई को मतगणना से पहले यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने अपने पुराने सहयोगी दलों को एकजुट रखने की कमान संभाल ली है। कांग्रेस उस स्थिति के लिए अपने सहयोगी दलों को तैयार करना चाह रही है कि अगर केंद्र में एनडीए बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाता है तो विपक्षी दल एकजुट होकर नई सरकार बनाने के लिए आगे आ जाएं।