मायावती ने यहां महागठबंधन प्रत्याशी सपा के धर्मेन्द्र यादव के समर्थन में एक रैली में कहा कि लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश से योगी की पार्टी को न अली का वोट पड़ेगा और न ही मेरी जाति से जुड़े बजरंगबली का वोट पड़ेगा। इस बार चुनाव में नमो-नमो वाले जा रहे हैं और जय भीम वाले आ रहे हैं जिनकी इस समय देश को काफी ज्यादा जरूरत भी है।
मायावती ने कहा कि इस चुनाव को लेकर कुछ जरूरी बातें आप लोगों के सामने रखूं लेकिन इसके पहले मैं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बात का जरूर जवाब देना चाहूंगी, जो उन्होंने हमारे गठबंधन के बारे में इशारा करते हुए कही है कि यदि इनके अली हैं, तो हमारे बजरंगबली हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैं इनको (योगी को) कहना चाहती हूं कि हमारे अली भी हैं और बजरंगबली भी हैं। हमारे लिए दोनों अपने ही हैं। कोई भी गैर नहीं है इसलिए हमें अली भी चाहिए और बजरंगबली भी चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि खासकर हमें बजरंगबली इसलिए भी चाहिए, क्योंकि वे मेरी अपनी खुद की दलित जाति से ही जुड़े हैं और इनकी जाति की खोज मैंने नहीं बल्कि खुद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने की है और इन्होंने ही खुद जनता को ये बताया है कि बजरंगबली वनवासी और दलित जाति के ही हैं।
गौरतलब है कि मायावती ने कुछ दिन पहले सहारनपुर के देवबंद में मुसलमानों से एकजुट होकर गठबंधन के पक्ष में वोट डालने की अपील की थी। इसके 2 दिन बाद योगी ने मेरठ में एक सभा में सपा-बसपा गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा था कि इन्हें अली पर भरोसा है, तो हमें अपने बजरंगवली पर भरोसा है। (भाषा)