प्रज्ञा ठाकुर के इसी बयान के बारे में बात करते हुए रघुनंदन शर्मा ने बुधवार को कहा कि यह सही है कि हेमंत करकरे अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गया, इसमें कोई दो मत नहीं लेकिन कर्तव्य पर रहते हुए जो जुल्म किया, उस जुल्म का तो वह अपराधी है। कर्तव्य निभाते हुए वह शहीद हुआ तो कर्तव्य निभाते हुए आपराधिक मानसिकता सामने प्रकट हुई है।