पवार ने कहा कि विपक्षी दलों को अंदेशा था कि भाजपा कुछ राज्यों में अच्छा करेगी लेकिन पूरे देश में इस तरह की ‘बड़ी जीत’ की अपेक्षा नहीं थी। पवार ने कहा, ईवीएम को लेकर संदेह जताए गए थे। उन्होंने कहा, लेकिन अब नतीजे आने के बाद मैं मशीनों को दोष नहीं देना चाहता। नतीजों को गरिमा के साथ स्वीकार करना चाहिए और मैं कर रहा हूं।
पवार ने कहा कि चुनाव से पहले लोगों के दिमाग में आशंकाएं रही थीं और इस तरह की आशंकाएं पहले कभी नहीं जताई गई थी। उन्होंने 1984 के चुनाव का उदाहरण दिया जब राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने करीब 400 सीटें जीती थीं। राकांपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी नतीजों पर आत्ममंथन करेगी ताकि इस साल के आखिर में महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहतर हो सके।