नहीं रहे सक्रिय : शत्रुघ्न सिन्हा पिछले पांच साल के दौरान संसद में लगभग निष्क्रिय रहे, लेकिन इस अवधि में उन्होंने अपनी सांसद निधि का पूरा इस्तेमाल किया। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में पोत परिवहन मंत्रालय में राज्यमंत्री रहे सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने के कारण आरंभ से ही बगावती तेवर अपना लिए थे।
पिछले पांच साल में उन्होंने मोदी और उनकी सरकार की जमकर आलोचनाएं कीं और आरोप लगाते रहे कि भाजपा अब मोदी की जेबी पार्टी बन गई है। सिन्हा की इस नाराजगी का असर संसद में उनके कामकाज में भी देखने को मिला और संसद के रिकॉर्ड के अनुसार 16वीं लोकसभा में उन्होंने सदन में न कोई सवाल किया और न ही किसी चर्चा में हिस्सा लिया।
ये वही सिन्हा हैं जिन्होंने 15वीं लोकसभा में 67 सवाल पूछे थे और नौ बार सदन की चर्चा में हिस्सा लिया था। इस दौरान सदन में उनकी उपस्थिति महज 67 प्रतिशत ही रही, जबकि लोकसभा में उपस्थिति के मामले में सभी सांसदों का औसत प्रतिशत 81 है।
चार और उम्मीदवार घोषित : इसके साथ ही पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने पंजाब की तीन लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार की है, जिनमें से जसवीर सिंह गिल को खदूर साहिब, डॉ. अमर सिंह को फतेहपुर साहिब (सुरक्षित) तथा मोहम्मद सादिक को फरीदकोट (सु) से उम्मीदवार बनाया है।