75 दिन चले लोकसभा चुनाव प्रचार के 7 बड़े मुद्दे जो 7 चरणों में गूंजे

विकास सिंह

गुरुवार, 30 मई 2024 (15:10 IST)
लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही 16 मार्च से शुरू हुआ चुनावी शोर अब आज थम रहा है। देश में 75 दिन से 7 चरणों में हुए लोकसभा चुनाव में इस बार हर चरण में चुनावी मुद्दें बदलते दिखाई दे। फिर एक बार मोदी सरकार के साथ 400 पार के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने संविधान बदलने के साथ आरक्षण के मुद्दें पर जमकर घेरा।

1-मोदी का चेहरा बनाम विपक्ष का बिना चेहरा की गूंज- लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के फिर एक बार मोदी सरकार के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी और भाजपा सिर्फ मोदी के चेहरे को आगे कर वोट मांगती नजर आई। वहीं विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री का कोई एक चेहरा नहीं पेश कर पाना उसकी सबसे बड़ी कमजोरी भी दिखाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से  लेकर भाजपा का हर बड़ा नेता पूरे चुनाव प्रचार में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री कौन बनेगा यह सवाल पूछता नजर आया। इस मुद्दें पर विपक्ष को निशाने पर साधते हुए पीएम मोदी ने पांच साल में विपक्ष की ओर से पांच प्रधानमंत्री बनाए जाने की तैयारी का दावा करते हुए तंज कसा।
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वहीं चुनाव के दौरान तिहाड़ जेल की यात्रा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने पर भाजपा के 75 पार फॉर्मूले का जिक्र करते हुए मोदी के राजनीति से संन्यास लेने की भविष्य़वाणी कर भाजपा को दबाव में ला दिया। हलांकि भाजपा के हर नेता इसकी काट करते हुए कहा कि मोदी 2024 में ही नहीं ब्लकि 2029 में भी प्रधानमंत्री बनरेंगे। 

2-मोदी की गारंटी बनाम कांग्रेस की न्याय गारंटी- 75 दिन चले लोकसभा चुनाव में मोदी की गारंटी और कांग्रेस की न्याय गारंटी प्रमुख मुद्दा रही। भाजपा मोदी के गारंटी के नारे के साथ चुनाव लड़ती नजर  आई। भाजपा ने चुनाव में केंद्र सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों को टारगेट तक उनसे सीधा संवाद स्थापित किया। इसके साथ भाजपा ने हर लोकसभा सीट पर मोदी सरकार में उज्ज्वला,आयुष्मान,प्रधानमंत्री आवास योजना,नलजल योजना जैसी लोकलुभावनी योजना को टारगेट किया और उनके हितग्राहियों से सीधे भाजपा को वोट देने की अपील की। भाजपा अनुच्छेद 370, तीन तलाक और राम मंदिर जैसे मुद्दों को मोदी की गारंटी बताकर वोटर्स को यह विश्वास दिलाने की कोशिश मे रही कि वह जो कहते हैं वो करते हैं,इसके अलावा दक्षिण भारत के लिए किच्चातिवु, सनातन जैसे मुद्दे भी भाजपा ने खूब उठाए।

दूसरी और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र पर फोकस किया। कांग्रेस ने न्याय गारंटी के साथ हर साल महिलाओं को एक लाख रुपए देने के साथ बेरोजगारी औ महंगाई जैसे मुद्दों पर चुनाव में जोर शोर से उठाने की कोशिश की। इसके साथ चुनाव के अंतिम दौर में कांग्रेस ने हर महीन साढ़े आठ हजार रूपए देने की अपनी योजना का आगे लाकर मोदी की गारंटी को सीधी चुनौती दी।  
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3-आरक्षण पर सियासी शोर- लोकसभा चुनाव में आरक्षण का चुनावी शोर खूब सुनाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद आरक्षण के मुद्दें पर विपक्ष को घेरते हुए अपनी चुनावी रैलियों में कहा कि विपक्ष सत्ता में आया तो पिछड़ों का आरक्षण लेकर मुस्लिमों को दे देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओबीसी, SC/ST के आरक्षण को हर हाल में जारी रखने के साथ मुस्लिमों के आरक्षण को लेकर बंगाल में ममता सरकार को चुनावी के आखिरी दौर तक खूब घेरा। वहीं चुनाव के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के एक डीपफेक वीडियो ने भी खूब सनसनी मचाई।

4-लोकतंत्र खतरे से लेकर संविधान बदलने तक की चर्चा- इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान का मुद्दा खूब चर्चा में रहा है। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैलियों में संविधान की प्रति हाथों में लेकर उसके खतरे में बताते हुए जहां मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी चुनावी रैलियों में यह दावा करते हुए दिखाई दिए कि अगर मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने तो वह संविधान बदल देंगे, लोकतंत्र खत्म कर देंगे। राहुल के साथ इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के नेता अखिलेश यादव से लेकर ममता बनर्जी ने इस मुद्दें को लेकर मोदी से लेकर भाजपा को जमकर घेरा।

5-मंगलसूत्र से लेकर विरासत टैक्स तक की चर्चा- लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार नए मुद्दें जैसे मंगलसूत्र से लेकर विरासत टैक्स तक का मुद्दा भी खूब छाया रहा। चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने जाति आधारित गणना के साथ ही राष्ट्रव्यापी सर्वे और संपत्ति के बंटवारे का नया मुद्दा छेड़ दिया। इसे विस्तार से स्पष्ट करते हुए ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने संसाधनों के समान वितरण के लिए विरासत कर जैसी नीतियों की वकालत की।

कांग्रेस से जुड़ाव रखने वाले सैम पित्रौदा के बयान का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे तत्काल मध्यमवर्ग का बड़ा मुद्दा बनाते हुए महिलाओं के मंगलसूत्र छिनने और चार कमरे के फ्लैट में दो कमरे लेकर दूसरे को दिये जाने से जोड़कर कांग्रेस के सत्ता में आने पर विरासत टैक्स लगाने का डर दिखाया। वहीं प्रियंका गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी के शहीद होने और मां सोनिया गांधी द्वारा देश के लिए अपने मंगलसूत्र के बलिदान करके इसका करारा जवाब दिया।

6-केजरीवाल से लेकर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की भी गूंज- लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर झारखंड़ के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरने की गिरफ्तारी को लेकर भी विपक्ष ने भाजपा को जमकर घेरा। दिल्ली से लेकर हरियाणा और गुजरात का केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा और चुनाव के अंतिम दौर में केजरीवाल का सुप्रीम कोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए बेल मिलने के बाद विपक्षी नेताओं का एकजुटता के साथ शक्ति प्रदर्शन का शोर भी खूब सुनाई दिया। केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में विपक्षी नेताओं ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और लोकतंत्र पर खतरे को बड़े चुनावी मुद्दे के रूप में पेश किया था।

7-खटाखट-फटाफट-सटासट की भी खूब हुई सियासत- लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर के चुनाव प्रचार के दौरन इस बार नए अंदाज की चुनावी जुमले खटाखट-फटाफट का चुनावी शोर खूब सुनाई दिय़ा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सटासट-फटाफट-खटाखट का जुमला उछालकर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को जमकर घेरा। राहुल गांधी को जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अंदाज में देते हुए कहा पंजे और साइकिल के सपने टूट गए खटाखट-खटाखट। उत्तरप्रदेश से लेकर बिहार में आखिरी चरणों के वोटिंग से पहले वोटर्स को लुभाने और एक दूसरे पर तंज कसने के लिए पीएम मोदी से लेकर राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव ने खुब जुमलों का इस्तेमाल किया।

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