Congress's Anand Sharma contesting elections after 40 years : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में इस बार बेहद दिलचस्प चुनावी मुकाबला होने की उम्मीद है जहां करीब 4 दशक बाद चुनाव लड़ रहे राजनीति के एक मंझे हुए नेता के सामने पहली बार चुनावी मैदान में उतरा एक उम्मीदवार है।
भारतीय जनता पार्टी के डॉ. राजीव भारद्वाज 62 साल की उम्र में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा से है। कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में कांगड़ा जिले के 13 और चम्बा जिले के चार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
भारद्वाज के पास अपने चाचा और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की विरासत है तथा वह जमीनी स्तर पर भाजपा कार्यकर्ता और एक चिकित्सक के रूप में अपनी लोकप्रियता के दम पर मतदाताओं से जुड़ सकते हैं। वहीं आनंद शर्मा ने मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस के स्थानीय और राष्ट्रीय नेताओं के साथ मिलकर जोरदार प्रचार अभियान चलाया है।
कांग्रेस ने 10 बार कांगड़ा सीट पर कब्जा जमाया : कांग्रेस उम्मीदवार ने शिमला विधानसभा सीट से आखिरी बार 1982 में चुनाव लड़ा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वह राज्यसभा के सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्री थे। देश में 1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा ने कांगड़ा लोकसभा सीट पर छह बार जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस ने 10 बार इस सीट पर अपना कब्जा जमाया है।
कांगड़ा लोकसभा सीट पर एक जून को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मतदान होगा। इस सीट पर एक बार जनता पार्टी ने भी जीत हासिल की है। राज्य में भाजपा और सत्तारूढ़ कांग्रेस दोनों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए जोरदार प्रचार अभियान चलाया है, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के अन्य नेता भारद्वाज के लिए प्रचार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने 71 वर्षीय आनंद शर्मा के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप : आनंद शर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार के दौरान भाजपा नीत केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी पर निशाना साधा। कांगड़ा में कई परिवार ऐसे हैं, जिनके सदस्य देश की सशस्त्र सेनाओं में कार्यरत हैं अथवा सेवानिवृत हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए उस पर 'विभाजनकारी' राजनीति करने का आरोप लगाया, साथ ही संविधान और लोकतंत्र को 'बचाने' के कांग्रेस के वादे का भी उल्लेख किया।
भारद्वाज ने कांगड़ा के लिए पांच वर्ष का एजेंडा प्रस्तुत करते हुए अपना प्रचार अभियान स्थानीय मुद्दों पर आधारित किया, साथ ही नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यों और उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को भी प्रमुखता से उठाया। भाजपा उम्मीदवार के वादों में धर्मशाला, मैक्लोडगंज, खज्जियार और पालमपुर को प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना, होली-उत्तराला सुरंग का निर्माण पूरा करना, जोगिंदरनगर-पठानकोट रेल सेवा बहाल करना, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराना आदि शामिल है।
पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करने का वादा : कांग्रेस नेता ने पहाड़ी कांगड़ा-चंबा क्षेत्र में चार सुरंगों का निर्माण और हिमाचल प्रदेश में सड़क अवसंरचना तथा पर्यटन क्षेत्र को मजबूत करने का भी वादा किया है। भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने के लिए चुनावी मैदान में कोई अन्य प्रमुख उम्मीदवार नहीं होने के कारण, कांगड़ा में सीधा मुकाबला है। कांगडा में ब्राह्मण, अन्य पिछड़ा वर्ग, गद्दी और पूर्व सैनिक मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour