राजीव गांधी ने क्यों खत्म किया था विरासत टैक्स? BJP- कांग्रेस में घमासान जारी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024 (00:09 IST)
inheritance tax news : कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर बयान दिया और उस कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विरासत कर’ से जुड़े विवाद के बीच कांग्रेस पर तीखा प्रहार जारी रखते हुए गुरुवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपनी मां इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति को सरकार के पास जाने से बचाने के लिए विरासत कर को समाप्त किया था।
ALSO READ: भारत ने मानवाधिकारों के हनन वाली अमेरिकी रिपोर्ट को नकारा, बताया पक्षपातपूर्ण
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार किया और कहा कि उन्होंने एक बार फिर से झूठ बोला है क्योंकि इंदिरा गांधी ने 1970 में ही इलाहाबाद में अपनी पैतृक संपत्ति ‘जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड’ को दान कर दी थी।
 
मध्य प्रदेश के मुरैना में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वह लोगों और उन्हें लूटने की कांग्रेस की योजनाओं के बीच दीवार बनकर खड़े हैं।
 
उन्होंने दावा किया कि विरासत कर हटाकर इससे फायदा उठाने के बाद कांग्रेस अब इसे फिर से देश की जनता पर थोपना चाहती है।
मोदी ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो ‘विरासत कर’ के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी।
 
राहुल गांधी ने बुधवार को टिप्पणी की थी कि जो लोग खुद को ‘देशभक्त’ कहते हैं, वे जाति आधारित जनगणना के 'एक्स-रे' से डरते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस लोगों की संपत्तियों और कीमती सामान का ‘एक्स-रे’ कराकर उनके आभूषण और छोटी बचत को जब्त करना चाहती है।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो पाप किए हैं, उनके बारे में कान खोलकर सुनिए। मैं एक दिलचस्प तथ्य सामने रखना चाहता हूं। जब बहन इंदिरा गांधी का निधन हुआ तो एक कानून था जिसके तहत संपत्ति का आधा हिस्सा सरकार को मिलता था। उस समय ऐसी चर्चाएं थीं कि इंदिराजी ने अपनी संपत्ति अपने बेटे राजीव गांधी के नाम करने की वसीयत की हैं।’’
ALSO READ: मोदी सरकार ने बागियों को दी सुरक्षा, पंजाब कांग्रेस के 3 पूर्व नेताओं को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी
मोदी ने कहा कि सरकार के पास जाने वाले पैसे को बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विरासत कर को खत्म कर दिया।’’उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब इस कर को और अधिक मजबूती से लागू करना चाहती है, क्योंकि उसकी चार पीढ़ियों ने उन्हें दी गई संपत्ति का लाभ उठाया है।
 
उन्होंने धन पुनर्वितरण के मुद्दे पर विवाद के बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के ‘शहजादा’ (राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए) के एक सलाहकार ने अब विरासत कर लगाने का सुझाव दिया है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक भाजपा है, वह ऐसे मंसूबों को सफल नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और कठिनाइयां सहकर आपने जो धन इकट्ठा किया है, वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने पर आपसे लूट लिया जाएगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मोदी आपके और आपको लूटने की कांग्रेस की योजना के बीच दीवार बनकर खड़ा है।’’
 
कांग्रेस ने किया पलटवार : रमेश ने पलटवार करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कल प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि कांग्रेस विरासत कर लगाना चाहती है। एक बार जब यह स्पष्ट हो गया कि वास्तव में भाजपा ही विरासत कर का प्रचार करती रही है, तो उन्होंने अपनी राह बदल ली। एक बार फिर उनका झूठ बेनकाब हो गया।’’
 
उन्होंने राजीव गांधी सरकार में वित्त मंत्री रहे वी पी सिंह के बजट भाषण का एक अंश साझा करते हुए कहा कि यहां 16 मार्च 1985 के तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह के बजट भाषण का एक पैराग्राफ है, जिसमें विरासत कर को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया था। भाषण के अनुच्छेद 88 में इसके पीछे के कारण स्पष्ट रूप से बताए गए हैं।’’
 
रमेश का कहना है कि संयोगवश, इंदिरा गांधी ने 1970 में ही इलाहाबाद में अपनी पैतृक संपत्ति जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड को दे दी थी।’’
 
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हर बार जब प्रधानमंत्री बोलने के लिए अपना मुंह खोलते हैं, तो वे झूठ को लेकर अपनी दृढ़ता के ताजा सबूत पेश करते हैं।’’
ALSO READ: विरासत टैक्स पर घिरी कांग्रेस का पलटवार, शेयर किया जयंत सिन्हा का वीडियो, PM मोदी से पूछा सवाल
मायावती का भी आया बयान : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने ‘विरासत कर’ पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर उठे विवाद पर कहा कि निजी सम्पत्ति पर 'विरासत टैक्स' की सोच और उसकी पैरवी कांग्रेस की 'गरीबी हटाओ' की चर्चित विफलता पर से लोगों का ध्यान बांटने का चुनावी प्रयास है और कांग्रेस का अपनी ऐसी दाग़दार विरासत से मुक्ति पाना मुश्किल है।
  
कौन देता है विरासत टैक्स : विरासत टैक्स एक तरह से संपत्ति पर एक टैक्स है, जिसमें किसी मृत व्यक्ति से पैसा या घर किसी को विरासत में मिला है तो जिस व्यक्ति को संपत्ति विरासत में मिलती है, वह टैक्स का भुगतान करता है। टैक्स की दरें विरासत में मिली संपत्ति और मृतक के साथ उत्तराधिकारी के रिश्ते के पर अलग-अलग होती है। 
ALSO READ: क्‍या होता है विरासत टैक्‍स, क्‍यों सियासत में इसे लेकर उठा है बवाल?
आमतौर पर आप मृतक के जितना करीब होंगे, आपको यह टैक्स चुकाने की संभावना उतनी ही कम होगी। पति-पत्नी को हमेशा विरासत टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाती है, परिवार के सदस्यों को भी अक्सर कम दर का भुगतान करना पड़ता है।
 
क्‍या भारत में लगता है विरासत टैक्स : भारत में विरासत टैक्स नाम से कोई भी टैक्स सरकार नहीं वसूलती है। भारत का टैक्स सिस्टम उम्र के के हिसाब से बांटा गया है, जिसमें 60 वर्ष से नीचे वालों के लिए अलग प्रावधान और छूट है, जबकी 60-80 वालों के लिए अलग व्यवस्था है। जबकि अमेरिका के टैक्स सिस्टम की बात करें तो वहां सिंगल व्यक्ति के लिए अलग प्रावधान है, जिसमें अनमैरिड और डिवोर्स ले चुके लोग आते हैं। वहीं विवाहित जोड़े के लिए ज्वाइंट इनकम के आधार पर अलग से टैक्स सिस्टम तैयार किया गया है। इनपुट एजेंसियां

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख