भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव खत्म होते ही जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक्शन मोड में नजर आ रहे है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही है। 6 जून को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद डॉ. मोहन यादव सरकार के पहले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों को जहां मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं लोकसभा चुनाव परिणाम के आधार पर कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है।
मध्यप्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा डॉ. मोहन यादव सरकार में मंत्रियों की संख्या 30 है,ऐसे में मंत्रिमंडल में 3 स्थान रिक्त है और इन तीन खाली पड़े पदों को लोकसभा चुनाव के बाद भरना तय माना जा रहा है।
दलबदल करने वाले कांग्रेस विधायक बनेंगे मंत्री!-लोकसभा चुनाव के बाद डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में होने वाले संभावित विस्तार में लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल तीनों विधायक मंत्री बनेंगे। इसमें जौरा से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत, बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे और छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा के पूर्व विधायक कमलेश शाह का नाम शामिल है।
गौरतलब है कि भाजपा में शामिल होने के बाद भी अब रामनिवास रावत औऱ निर्मला सप्रे ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया। वहीं भाजपा सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के समय पार्टी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और 6 बार के विधायक रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने का आश्वासन दिया था जो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद पूरी की जाएगी। इस बीच रामनिवास रावत के दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिलने की भी खबरें सामने आ रही है और इसको मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है।
कई मौजूदा मंत्रियों की कुर्सी खतरे में- मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के परिणामों का सीधा असर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कैबिनेट पर पड़ेगा। लोकसभा चुनाव में वोटिंग और मौजूदा मंत्रियों की परफॉर्मेंस के आधार पर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मंत्रियों और विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करवा रहा है। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते है कि लोकसभा चुनाव में जिन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में कम वोटिंग हुई है और अगर नतीजें पार्टी के मंशानुरूप नहीं हुए तो मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में उन मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है। इसके साथ मंत्रिमंडल विस्तार में नए सिरे से जातीय संतुलन साधने की कवायद देखी जा सकती है।
मोहन कैबिनेट पर लागू होगा शाह फॉर्मूला!- लोकसभा चुनाव के बाद क्या मोहन यादव कैबिनेट के विस्तार में शाह फॉर्मूला लागू होगा, सियासी गलियारों में यह चर्चा के केंद्र में है। दरअसल ल लोकसभा चुनाव के पहले को दो चरणों में कम वोटिंग के बाद खुद अमित शाह भोपाल आए थे और उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा था कि ऐसे मंत्री और विधायक जो चुनाव में कम सक्रिय है, उन पर पार्टी चुनावों के बाद निर्णय लेगी। इसके साथ गृहमंत्री अमित शाह ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि जिन मंत्रियों की विधानसभा में कम वोटिंग होगी, उनकी मंत्री पद से छुट्टी कर दी जाएगी। इसकी जगह उन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा जिनके इलाके में अच्छी वोटिंग हुई है।