लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश में 26 अप्रैल को 6 सीटों पर वोटिंग होने जा रही है। दूसरे चरण की वोटिंग के लिए आज शाम चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। दूसरे चरण में प्रदेश की जिन 6 सीटों पर वोटिंग होने जा रही है, उसमें खजुराहो, होशंगाबाद, टीकमगढ़, दमोह, सतना और रीवा सीट शामिल है। आइए देखते है कि दूसरे चरण में जिन 6 सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग होने जा रही है, वहां के क्या है सियामी समीकरण।
खजुराहो लोकसभा में जीत के मार्जिन पर BJP की निगाह- दूसरे चऱण में खजुराहो लोकसभा सीट प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट है। खजुराहो से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा लगातर दूसरी बार चुनावी मैदान में है। खजुराहो लोकसभा सीट पर भाजपा के सामने वॉकओवर जैसी स्थिति है। कांग्रेस ने गठबंधन के तहत खजुराहो लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी को दी थी और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन रद्द होने से खजुराहो में अब विपक्ष विहीन चुनाव हो गया है। हलांकि चुनाव में कांग्रेस और सपा ने फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार आरबी प्रजापति को अपना समर्थन दिया है लेकिन पूरे चुनावी परिदृश्य से वह गायब है।
खजुराहो लोकसभा सीट पर भाजपा जीत से ज्यादा जीत के मर्जिन पर फोकस कर रही है। भाजपा की कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित किया जाया है। चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुजराहो लोकसभा पहुंचे थे वहीं भाजपा अध्यक्ष और उम्मीदवार वीडी शर्मा ने चुनाव प्रचार के आखिरी चरणों में ताबड़तोड़ रो शो और घर-घर जनसंपर्क कर पूरे चुनावी माहौल को भाजपामय कर दिया है।
भाजपा के गढ़ होशंगाबाद में मोदी ही चेहरा- भोपाल से सीट होशंगाबद लोकसभा सीट पर पीएम मोदी ही भाजपा के चेहरा है। भाजपा ने होशंगाबाद से किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। दर्शन सिंह अपना पहला चुनाव लड़ रहे है, ऐसे में उनकी जीत की राह को आसान बनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने होशंगाबाद के पिपारिया में चुनाव जनसभा को संबोधित किया। वहीं होशंगाबाद से कांग्रेस ने संजय शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान संजय शर्मा अकेले लड़ाई लड़ते नजर आए है। होशंगाबाद सीट भाजपा के गढ़ में रूप में पहचानी जाती रही है और पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राव उदय प्रताप को पांच लाख से अधिक मतों से जीत हासिल हुई थी।
सतना लोकसभा सीट पर 'नारायण' किसका करेंगे बेड़ा पार?- विंध्य की सतना लोकसभा सीट पर चुनावी मुकाबला जातीय समीकरण के फेर में उलझ गया है और पूरा मुकाबला दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने सतना से विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले गणेश सिंह पर फिर एक बार भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने वर्तमान विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है। विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थ कुशवाहा ने गणेश सिंह को हराया था। वहीं सतना सीट पर बसपा उम्मीदवार नारायण त्रिपाठी भाजपा और कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ रहे है और पूरा चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है।
नारायण त्रिपाठी अगर ब्राह्मण वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हो गए है तो चुनावी पांसा यहा पलट सकता है। यहीं कारण है कि भाजपा का पूरा फोकस ब्राह्मण वोट बैंक को साधने में है। सतना लोकसभा सीट पर भाजपा के किसी बड़े चेहेरे के चुनाव प्रचार में नहीं पहुंचने से यहां पर स्थानीय मुद्दें और जातीय फैक्टर ज्यादा हावी होता नजर आ रहा है।
रीवा में बसपा बिगाड़ेगी खेल?-रीवा लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है, वहीं चुनाव के आखिरी समय में बसपा के मैदान में उतरने से सियासी समीकरण उलझता हुआ दिखाई दे रही है। रीवा से भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद जर्नादन मिश्रा को उतारा है। वहीं कांग्रेस ने अपने बाहुबली विधायक अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है।
रीवा लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के साथ बसपा भी चुनावी मैदान में है और बसपा ने यहां से अभिषेक को चुनावी मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश में अब तक जो एक मात्र चुनावी जनसभा की है वहां रीवा में ही की है। ऐसे में जातीय समीकऱण के चलते यहां पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है। ऐसे में देखना होगा कि बसपा के मैदान में उतरने से किसे फायदा होता और किसे नुकसान।
टीकमगढ़ में दांव पर मोदी के मंत्री की प्रतिष्ठा- बुंदेलखंड की टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर मोदी सरकार में मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक आठवीं बार सांसद बनने के लिए चुनावी मैदान में है, वहीं कांग्रेस ने युवा और नए चेहरे पंकज अहिरवार को चुनावी मैदान में उतारा है। ऐसे में टीकमगढ लोकसभा सीट पर मोदी फैक्टर ज्यादा हावी होता दिखाई दे रहा है। हलांकि भाजपा उम्मीदवार डॉ. वीरेंद्र खटीक के लगातार चुनाव जीतने के बाद एंटी इनकंबेंसी भी है लेकिन मोदी मोदी फैक्टर पूरे चुनाव में हावी है।
दमोह में दिलचस्प मुकाबला- भाजपा के गढ़ रूप में पहचाने जाने वाली दमोह लोकसभा सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प है। दमोह से भाजपा ने कांग्रेस से भाजपा में आए राहुल सिंह लोधी को चुनावी मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने तरबर सिंह लोधी पर भरोसा जताया है। दमोह सीट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा कर भाजपा की राह काफी आसान कर दी है। वहीं कांग्रेस दमोह में इमोशनल कार्ड खेल रही है। कांग्रेस प्रत्याशी तरबर सिंह लोधी के समर्थन में जनसभा करने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मंच पर तरबर का रोना सहानुभित कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस यहां भाजपा उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी को बिकाऊ उम्मीदवार बताया घेरने की कोशिश कर रही है।