Sitaram Yechury's statement regarding Lok Sabha elections : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने नई दिल्ली में बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) यह तय करने में महत्वपूर्ण होंगे कि देश का धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप कायम रहेगा या नहीं, क्योंकि पिछले 10 वर्षों में लोकतंत्र के बुनियादी स्तंभों पर हमला हुआ है।
उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि विपक्षी इंडिया गठबंधन लोगों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है, लेकिन बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि चुनाव में सभी पार्टियों को समान अवसर मिलता है या नहीं? येचुरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि चुनाव तय करेंगे कि हम अपने धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप को बनाए रखेंगे या नहीं? पिछले 10 वर्षों में गंभीर नुकसान देखा गया है। मैं वास्तव में इसे संवैधानिक मूल्यों और हमारे संविधान के मूलभूत स्तंभों पर हमला कहूंगा।
धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र एक स्तंभ : माकपा नेता कहा कि धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र एक स्तंभ है और आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद अन्य स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि क्या हम भारतीय गणतंत्र के स्वरूप, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा करने जा रहे हैं? या इसे और अधिक नष्ट होने देंगे? यही कारण है कि वे वर्तमान समय में बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इंडिया गठबंधन का गठन लोकतंत्र की रक्षा के लिए : येचुरी ने कहा कि इंडिया गठबंधन का गठन संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के इरादे से किया गया है और गठबंधन की पार्टियां लोगों के बीच गहरी पैठ रखती हैं। इंडिया गठबंधन का गठन इस स्पष्ट सोच के साथ किया गया था कि आज संविधान, लोकतंत्र, हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त लोगों के अधिकारों की रक्षा करने तथा उन्हें और मजबूत बनाने की जरूरत है। सबसे महत्वपूर्ण संविधान द्वारा प्रदत्त समानता और न्याय की व्यवस्था है। जो पार्टियां एक साथ आई हैं वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।
बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) और उत्तरप्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल जैसी पार्टियों के साथ छोड़ने और सीट बंटवारे के समझौते में देरी संबंधी सवाल पर येचुरी ने कहा कि सीट-बंटवारे की बातचीत सकारात्मक दिशा में जारी है और जल्द ही समाधान निकल जाएगा।
उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति, सीट समायोजन और गठबंधन अंकगणित नहीं हैं। वह राजनीति है। ऐसा नहीं है कि आप दो और दो जोड़ते हैं, यह चार हो जाता है या आप इसे घटा देते हैं। इसलिए यह सवाल नहीं है कि कौन जा रहा है, कौन आ रहा है। सवाल यह है कि वे कौन से सिद्धांत हैं जिन पर लोग शामिल हो रहे हैं।
आजीविका अभी लोगों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा : चुनाव से पहले महत्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित करते हुए माकपा नेता ने कहा कि आजीविका अभी लोगों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा जो लोगों की चिंताओं में शामिल है, वे वास्तव में उनका जीवन स्तर है। पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि रोजगार के स्तर में शायद ही कोई सुधार हुआ है। इस प्रकार की आर्थिक नीतियों ने न केवल अर्थव्यवस्था को बल्कि लोगों के जीवन को भी पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
येचुरी ने आरोप लगाया कि लोगों के सामने रोजगार मुख्य मुद्दा है, लेकिन भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वे (भाजपा) सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, नफरत फैलाने और विषैले अभियान के जरिए प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि यह भाजपा के लिए काम नहीं कर रहा है। येचुरी ने आरोप लगाया कि यही कारण है कि भाजपा हताश है। राज्य-दर-राज्य जाकर वे पार्टियों को विभाजित कर रहे हैं, ईडी, सीबीआई और कुछ एजेंसियों का घोर दुरुपयोग कर रहे हैं और बहुत ही घटिया खरीद-फरोख्त में लिप्त हैं।
माकपा नेता ने कहा कि अगर वे 370 या 400 को पार करने के बारे में इतने आश्वस्त हैं तो वे इतने हताश क्यों हैं? हर एक राज्य में जहां विपक्ष मजबूत स्थिति में है, उन पार्टियों को विभाजित करने का प्रयास क्यों किया जा रहा है? उन्हें डराया, धमकाया क्यों जा रहा है? उन्होंने कहा कि और एक बार जब वे पाला बदल लेते हैं, तो सभी मामले खत्म हो जाते हैं। अन्यथा उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा। मेरा मतलब है कि जो लोग उनके सामने झुकने से इंकार करते हैं, वे जेल में हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 370 सीटें हासिल करने के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर माकपा नेता ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि चुनाव कितने स्वतंत्र और निष्पक्ष होते हैं। उन्होंने कहा कि सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होगा या नहीं। निश्चित रूप से समान अवसर नहीं है। चुनावी बॉण्ड और पीएम केयर्स के साथ हर जगह उन्हें करोड़ों मिलते हैं। मेरा मतलब है कि यह अब तक का दुनिया में सबसे महंगा चुनाव है।
ईवीएम के बारे में संदेह : येचुरी ने कहा कि ईवीएम के बारे में संदेह हैं। हम निर्वाचन आयोग से हमारे एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने और वीवीपैट और ईवीएम के मुद्दे का समाधान करने का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन दुख की बात है कि निर्वाचन आयोग ने हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का मतलब समान अवसर मुहैया कराना भी है। ऐसा नहीं है कि इसका अस्तित्व नहीं है। आज भी आप सरकारी विमानों का दुरुपयोग देखते हैं। आप प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं को राजनीतिक बैठकों के लिए लाने-ले जाने में सशस्त्र बलों के हेलीकॉप्टर का दुरुपयोग देखते हैं।
येचुरी ने कहा कि हालांकि निर्वाचन आयोग को नहीं लगता कि ये आचार संहिता का उल्लंघन हैं। उन्होंने कहा कि तो यह सब इस पर निर्भर करता है कि अगर निर्वाचन आयोग वास्तव में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सफल होता है तो भाजपा के प्रचार द्वारा हमें जो बताया जा रहा है, परिणाम उससे बहुत अलग होंगे।(भाषा)