votes cast through EVM with: पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों (सीईसी) ने वीवीपैट से संबंधित उच्चतम न्यायालय के आदेश का शुक्रवार को स्वागत किया। उच्चतम न्यायालय ने 'ईवीएम' के जरिए डाले गए वोट का 'वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल' (वीवीपैट) के साथ शत-प्रतिशत मिलान कराने संबंधी याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दी।
मामले से जुड़ी वे सभी याचिकाएं खारिज कीं : न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले में सहमति वाले 2 फैसले सुनाए और इस मामले से जुड़ी वे सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। इन याचिकाओं में मतपत्रों से चुनाव कराने की प्रकिया को फिर से उपयोग में लाने संबंधी याचिका भी शामिल थी। 'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' (ईवीएम) में 3 यूनिट होती है- बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट। ये तीनों 'माइक्रोकंट्रोलर' से जुड़े होते हैं।
ओ.पी. रावत ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत : पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसी) ने 2017 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) से संपर्क किया था और मतदाताओं का 99.99 प्रतिशत विश्वास सुनिश्चित करने के लिए वीवीपैट-ईवीएम सत्यापन के नमूने पर जवाब मांगा था।
उन्होंने कहा कि 10 लाख मतदान केंद्रों में से 479 वीवीपैट गिनती का एक नमूना 99.99 प्रतिशत भरोसा हासिल करने के लिए पर्याप्त होगा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने फैसला किया कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र की पहचान ईवीएम-वीवीपैट मिलान के लिए की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा 4,300 तक पहुंच गया।
गोपालस्वामी ने रावत के रुख का समर्थन : एक अन्य पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालस्वामी ने रावत के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि यदि एक वीवीपैट गणना सांख्यिकीय रूप से पर्याप्त है, तो 5 वीवीपैट गणना इसे 500 प्रतिशत विश्वसनीय बनाती है। गोपालस्वामी ने कहा कि यदि आप जीतते हैं तो ईवीएम में कोई खराबी नहीं है, यदि आप हारते हैं तो इसका कारण ईवीएम है। एक अन्य पूर्व सीईसी ने कहा कि अदालतों ने कई मौकों पर ईवीएम के खिलाफ याचिकाएं खारिज कर दी हैं।