Maharashtra Politics and Loksabha election : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन एवं विपक्षी गठबंधन दोनों का मानना है कि लोकसभा में उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक संख्या में सांसद भेजने वाले महाराष्ट्र में सीट आवंटन का एक मात्र फार्मूला जीत की संभावना है। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं।
महाराष्ट्र में 2019 के बाद से कई बार राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली है। वर्ष 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने पुराने गठबंधन को तोड़ दिया था। फिर शिवसेना और शरद पवार की राकांपा को भी दलों में विभाजन का सामना करना पड़ा।
शिवसेना के अधिकतर विधायक अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ हैं जिन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया हैं। इसके अलावा अजित पवार भी अपने समर्थक पार्टी विधायकों के साथ पिछले साल शरद पवार नीत राकांपा से अलग होकर सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए।
सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के नेताओं ने बताया कि दलों के विभाजन के बाद समीकरण बदलने के कारण सीटों का बंटवारा एक मुश्किल काम हो गया है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के साथ मिलकर 41 सीट पर जीत हासिल की थी और इस बार भाजपा ने राज्य में राजग को 45 सीट जिताने का लक्ष्य रखा है जबकि विपक्षी कांग्रेस 2019 का प्रदर्शन नहीं दोहराना चाहेगी जब उसे मात्र एक सीट पर जीत मिली थी।
NDA में कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव : कहा जा रहा है कि भाजपा के 30 से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने की संभावना है, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 10 सीट मांगी हैं लेकिन उसे चार सीट मिलने की संभावना है। शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी 18 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। वर्ष 2019 के चुनावों में अविभाजित शिवसेना ने 18 सीट पर ही जीत हासिल की थी।
अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने कहा कि उनकी पार्टी पुणे की बारामती सहित 10 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है।
VBA पर MVA की नजर : विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), राकांपा का शरद पवार नीत धड़ा और कांग्रेस शामिल हैं। विपक्षी गठबंधन प्रकाश आंबेडकर नीत वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) को लुभाने की कोशिश कर रहा है लेकिन बाबा साहेब आंबेडकर के पौत्र ने इस बारे में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।
कैसी है MVA की तैयारी : शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सीटों के आवंटन पर कहा कि एमवीए ने वार्ता पूरी कर ली है और घटक दलों का शीर्ष नेतृत्व जल्द ही इस संबंध में घोषणा करेगा।
इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उन सीटों पर चर्चा जारी है जिन पर उसने अविभाजित राकांपा के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था लेकिन 2019 के चुनावों में शिवसेना ने उन पर जीत हासिल की थी। इन सीट के सांसद अब शिंदे गुट का हिस्सा हैं।
कांग्रेस अधिकतम 20 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि राकांपा-शरदचंद्र पवार नौ से 10 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं।