संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फाँसी देने में विलंब के संबंध में भाजपा के आरोप को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने सोमवार को कहा कि इस मामले में कुछ निर्धारित प्रक्रियाओं को पूरा किया जाना है।
लोकसभा के लिए देशव्यापी चुनाव अभियानों की समाप्ति के बाद यहाँ उन्होंने कहा इसकी भी निर्धारित प्रक्रिया है। उसे पूरा किया जाना है।
सिंह ने कहा इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, इसका जवाब मुझे नहीं देना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कानून को अपना काम करने देना चाहिए।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा आतंकवाद ऐसा खतरा है, जिससे दृढ़ता से निपटने की जरूरत है। हालाँकि उन्होंने कहा कि ऐसा करते वक्त किसी समुदाय विशेष को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
राजग को सत्ता से बाहर रखें : वाम दलों को रिझाते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों की जिम्मेदारी है कि वे केंद्र में सार्थक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन करें और किसी भी कीमत पर राजग को सत्ता में आने से रोकें।
उन्होंने कहा कि संप्रग के जो सहयोगी नाखुश हैं, उन्हें मनाया जा सकता है। हालाँकि उन्होंने वामपंथी पार्टियों के नेतृत्व में गठित सरकार को समर्थन देने से इनकार किया, क्योंकि उन्हें कांग्रेस से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी।
यह पूछने पर कि क्या वे फिर से वामदलों से संप्रग सरकार को समर्थन देने की अपील करेंगे तो मनमोहन ने कहा मेरा हमेशा मानना है कि देश को सार्थक धर्मनिरपेक्ष सरकार देने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।
यह पूछने पर कि क्या भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता वामपंथी दलों के साथ गठबंधन में बाधक बनेगा तो उन्होंने कहा मेरा मानना है कि अब यह मुद्दा नहीं है। इस पर हस्ताक्षर हो चुका है और अब यह कार्यशील है। वार्ता के लिए यह मुद्दा नहीं हो सकता।