राहुल गाँधी ने कहा कि वे अभी प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर देंगे क्योंकि उनके पास शीर्ष पद के लिए जरूरी अनुभव नहीं है।
39 वर्षीय राहुल ने कहा कि मैं नहीं मानता कि अभी देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए मेरे पास अनुभव है। उन्होंने यह भी कहा कि वे एक मजबूत गरीब समर्थक युवक कांग्रेस के विकास के लिए काम कर कर रहे हैं। यह एक पहल है, जो पंजाब और गुजरात में सफल रही है।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने उन्हें भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया है और निकट भविष्य में प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिलने की स्थिति को लेकर वे इस समय कितने तैयार हैं राहुल ने कहा कि वे दो वजहों से प्रधानमंत्री पद स्वीकार नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा एक कारण यह है कि मैं कांग्रेस पार्टी के संगठन के लिए काम कर रहा हूँ, जिसे मैं देश के लिए बुनियादी जरूरत मानता हूँ। मेरा मानना है कि यह इस देश में मजबूत गरीब समर्थक युवा संगठन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह मेरे लिए बहुत बहुत बड़ी प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री पद स्वीकार न करने के दूसरे कारण के बारे में राहुल ने कहा कि मैं नहीं मानता कि अभी प्रधानमंत्री बनने के लिए मेरे पास अनुभव है।
भाजपा पर प्रहार : अयोध्या में विवादित ढाँचा तोड़े जाने के लिए उन्होंने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा बाबरी मस्जिद को भाजपा की राजनीति ने तोड़ा। इसे बँटवारे की राजनीति ने तोड़ा। इसे भारतीयों को भारतीयों के खिलाफ बाँटकर तोड़ा गया।
ममता जनता की नेता : पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के हाथ मिलाने पर उन्होंने कहा कि ममता जनता की नेत्री और जमीन से जुड़ी नेता है। उन्होंने दोनों पार्टियों के गठबंधन को सकारात्मक करार दिया।