मोइली व्यापक प्रशासनिक अनुभव वाले नेता

शनिवार, 23 मई 2009 (19:11 IST)
केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पिछड़ी जाति के अग्रणी कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में अर्जित की गई प्रशासनिक कार्यकुशलता के बल पर केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में जगह बनाई है।

69 वर्षीय मोइली कर्नाटक समेत पूरे देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए प्रयासरत रहे।

उन्होंने वर्ष 2006 में केन्द्रीय शिक्षण संस्थाओं में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के वास्ते गठित निगरानी समिति की अध्यक्षता भी की।

कर्तव्यनिष्ठ कांग्रेस नेता होने की वजह से उन्हें पार्टी के मीडिया विभाग तथा योजना एवं समन्वय विभाग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिए जाने के साथ-साथ कांग्रेस कार्यसमिति में आंध्र प्रदेश और असम का प्रभारी सदस्य भी बनाया गया।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी मोइली राजनेता होने के साथ-साथ वकील और लेखक भी हैं। साथ ही अच्छे प्रशासन के अध्ययन से भी उनका गहरा नाता है। मोइली ने द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) के अध्यक्ष के तौर पर हाल में ही अपना कार्यभार पूरा किया है।

एआरसी के प्रमुख के तौर पर उनके कार्य महत्वपूर्ण हैं। खासकर आतंकवाद के मसले पर उनकी रिपोर्ट की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सराहना करते हुए 26 नवम्बर को मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों के मद्दनेजर इस रिपोर्ट की सिफारिशों पर अमल की बात कही थी।

कम लोग ही जानते हैं कि मोइली एक अच्छे साहित्यकार भी हैं। उन्होंने कन्नड़ भाषा में 'रामायण महाअन्वेषणम' नाम से एक विस्तृत काव्य लिखा है जो पाँच खण्डों में प्रकाशित किया गया है।

उनकी प्रमुख उपलब्धियों में देश के अग्रणी विधि संस्थान नेशनल ला स्कूल यूनीवर्सिटी की स्थापना का कार्य भी शामिल है। कई अन्य शिक्षण संस्थानों की स्थापना में भी उनका अहम योगदान है।

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