मायावती का कांग्रेस-भाजपा पर हमला

सोमवार, 4 मई 2009 (11:11 IST)
उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने रविवार को दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के 61 साल बाद भी इस वर्ग की स्थिति नहीं बदली है, लेकिन आरक्षण को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है।

मायावती ने यहाँ एक चुनाव सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है, जिससे उनकी स्थिति बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद केंद्र में और राज्यों में कांग्रेस, भाजपा और उनके सहयोगी सत्ता पर काबिज रहे।

उन्होंने कहा कि आजादी के 61 साल बाद भी दलित, सिख, मुसलमान और ईसाइयों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मायावती ने आरोप लगाया कि आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है, ताकि इन लोगों की स्थिति और बदतर हो जाए।

उन्होंने कहा कि इस सरकार में सवर्णों की भी स्थिति खराब हुई है। कर्मचारी, व्यापारी, मजदूर सभी प्रभावित हुए हैं। बसपा प्रमुख ने कहा कि किसी भी सरकार ने गरीबी, बेरोजगारी दूर करने की तरफ ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि कुछ गरीब बेरोजगार इसी वजह से नक्सलवाद की ओर मुड़ गए हैं।

महँगाई के मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस और केंद्र की संप्रग सरकार को घेरते हुए कहा कि आम लोगों को ध्यान में रखकर आर्थिक नीतियाँ नहीं बनाई जाती हैं। इससे सभी गरीब एवं मध्यमवर्ग के लोगों को कठिनाई होती है।

गरीबी के मुद्दे पर केंद्र सरकार और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री ने कहा कि साल के 365 दिनों में से केवल 100 दिन का रोजगार देने और गरीब परिवार को 100 रुपए देने से गरीबी नहीं मिटती है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए नीतियाँ बनाना पड़ती हैं और केंद्र में बसपा की सरकार बनने पर इस संबंध में नीति बनाई जाएगी।

मायावती ने कहा कि हमने उत्तरप्रदेश में सरकार बनने के बाद चंद महीनों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित खाली पदों को भरा। उनकी सरकार ने प्रदेश में प्रत्येक वर्ग के लिए कल्याण विभाग बनाया।

उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में हमारी सरकार बनती है तो हम देश स्तर पर भी और आपके राज्य में भी ऐसा करेंगे। बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस की अगुआई वाली केंद्र की संप्रग सरकार ने अभी तक सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि हमने आरक्षण की सुविधा देने के लिए केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिखा, लेकिन इस पर कांग्रेस की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

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