कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रचार के दौरान भीड़ में घुल-मिलकर वे सुरक्षा घेरे को नहीं तोड़ रहे हैं क्योंकि ऐसा उनकी सुरक्षा कर रहे लोगों की जानकारी में किया गया है।
गाँधी ने कहा कि यह हकीकत में सुरक्षा तोड़ना नहीं है। मेरी सुरक्षा कर रहे लोगों के साथ सहमति थी कि मैं ऐसा करूँगा और उन्होंने जगह तथा क्षेत्र चुना, जहाँ मुझे ऐसा करने की अनुमति दी गई।
उनसे उनकी शुक्रवार की पुरूलिया यात्रा के दौरान सुरक्षा तोड़ने के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा कि यह हकीकत में सुरक्षा तोड़ना नहीं है। इस पर मेरी सुरक्षा में लगे लोगों से चर्चा हुई थी और उन्होंने मुझे अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा कि मैं आमतौर पर लोगों से मिलना पसंद करता हूँ। अत: मैंने उनसे कहा कि वे देखें कि इस सभा में एक या दो जगह निकाली जाएँ, जहाँ मैं लोगों से मिल सकूँ।
यह पूछे जाने पर कि उनकी बहन प्रियंका ने ऐसा करने पर क्या उन्हें डाट पिलाई, गाँधी ने कहा कि मेरी बहन कई चीजों पर मुझे डाँटती है। ऐसे ही मैं भी उसे डाँटता हूँ।
कांग्रेस के दरवाजे सबके लिए खुले : चुनाव बाद वाम दलों के साथ कांग्रेस के गठजोड़ की संभावना को जीवित रखते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस के दरवाजे सभी के लिए हमेशा खुले हुए हैं, जो चाहे हमारे साथ आ सकता है।