राहुल से रविशंकर प्रसाद का सवाल

शनिवार, 25 अप्रैल 2009 (23:48 IST)
बाबरी मस्जिद तोड़ने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराने संबंधी कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि राहुल को इस बारे में अपनी सरकार के मंत्री लालू प्रसाद से पूछ लेना चाहिए कि बाबरी मस्जिद को किसने तोड़ा है।

कानपुर में फ्रेंडस ऑफ भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत में प्रसाद ने कहा कि राहुल गाँधी को बाबरी मस्जिद के बारे में कोई भी बयान देने से पहले अपनी सरकार में शामिल मंत्री लालू प्रसाद से तो पूछ लेना चाहिए कि मस्जिद किसने तोड़ी। उसके बाद इस तरह के बयान उन्हें देना चाहिए।

उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उसमें हिम्मत हो तो वह वहाँ बाबरी मस्जिद बनवा कर दिखाएँ लेकिन हम अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाएँगे क्योंकि यह देश के करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का सवाल है और यह राष्ट्र का मुददा है।

प्रसाद ने संप्रग को डूबता जहाज बताते हुए कहा कि आज उसके सभी साथी चाहें वह लालू यादव हो या मुलायम यादव हो या रामविलास पासवान हो चाहें शरद पवार हो सब उसे छोड़-छोड़ कर जा रहे हैं और अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह बयान दे रहे हैं कि वह सौ दिन में देश की अर्थव्यवस्था को ठीक कर देंगे।

उन्होंने सवाल किया कि आखिर पिछले पाँच साल तक मनमोहन सरकार क्या कर रही थी जो अब 100 दिन में जादू की छड़ी चला देगी और अर्थव्यवस्था को सुधार देगी।

भाजपा प्रवक्ता प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारतीय जनता पार्टी इस लिए कमजोर पार्टी कहती है कि उनके कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था बद से बदतर होती चली गई और एक अर्थशास्त्री भी भारत की स्थिति नहीं सुधार सका।

उन्होंने कहा कि मनमोहन की कमजोरी को इसी बात से आँका जा सकता है कि पिछले पाँच सालों में देश में 13 विधानसभाओं के चुनाव हुए लेकिन प्रधानमंत्री किसी भी प्रदेश में पार्टी का प्रचार करने शायद ही गए हो।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह लोकसभा चुनाव तीन मुददों पर लड़ रही है .. वह है महँगाई, बेरोजगारी और तालिबान से खतरा। इन तीनों बड़े मुददों पर न तो कांग्रेस के पास कोई रणनीति है और न ही इनका कोई समाधान है।

काले धन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों कांग्रेस पार्टी विदेशों में जमा काला धन वापस लाने से शर्मा रही है उसके शर्माने से तो ऐसा लगता है कि शायद वह नहीं चाहती है कि काला धन जमा करने वालो के नाम उजागर हों क्योंकि शायद ऐसे लोगों में कुछ उसके खास लोग भी शामिल हों।

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