इमामों की संस्था इमाम कौंसिल ऑफ इंडिया ने लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी को वोट देने का फतवा जारी किया है।
इमाम कौंसिल के अध्यक्ष मकदुमुल हसन और महासचिव हाजीखान हाजिब ने छह अन्य मौलानाओं के साथ कहा कि फिरकापरस्त ताकतों को हटाने की लिए सपा को वोट देना जरूरी है, इसलिए वे इस संबंध में फतवा जारी करते हैं।
उत्तरप्रदेश के बाहर वे कांग्रेस और वामपंथी दलों के पक्ष में नजर आए। मुख्यमंत्री मायावती के संबंध में उनका कहना था कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में पिछली बार प्रचार किया था, इसलिए बसपा को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता।
उलेमा कौंसिल से नाराज दिख रहे इन मौलानाओं ने कहा कि बटला हाउस मुठभेड़ कांड के संबंध में चल रहे मुकदमे की पैरवी के लिए उलेमा कौंसिल का कोई भी सदस्य अदालत नहीं जाता।
सपा के बागी नेता आजम खाँ से अपने को असहमत बताते हुए इन मौलानाओं ने कहा कि आजम खाँ की लड़ाई सिर्फ रामपुर के लिए है।
कल्याणसिंह के बेटे के साथ जब मंत्री थे, तब उन्होंने क्यों नहीं विरोध किया अब 'कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना' की तर्ज पर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। मुलायमसिंह से कल्याण की दोस्ती पर सपा अध्यक्ष का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है