डेटिंग ऐप्प से रोमांस चढ़ा परवान, बन रही है नई लव स्टोरीज्

अगर आप सिंगल हैं और किसी का साथ चाहते हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि अपने सपनों के साथी की तलाश कैसे और कहां करें तो अब डेटिंग ऐप्प की मदद लीजिए, जो अपनी पसंद का साथी चुनने में आपकी मदद करते हैं। भारत में हाल के महीनों में मोबाइल डेटिंग ऐप्प तेजी से उभरे हैं और काफी सफल भी साबित हो रहे हैं।


 
‘ट्रूलीमैडली’ जैसे लोकप्रिय ऐप्प का कहना है कि ऐसे लोग जो अकेले हैं और अपने साथी की तलाश कर रहे हैं उनके लिए वह डेटिंग और मैचमेकिंग का सबसे सुरक्षित मंच है।
 
कंपनी के सह संस्थापक सचिन भाटिया ने एंड्रॉयड, आईओएस और विडोंज ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों के लिए इस तरह के ऐप्प के निर्माण की वजह का खुलासा करते हुए कहा कि भारत में सामाजिक एवं सांस्कृतिक नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव देखा जा रहा है, जो उसे इस तरह के ऐप्प के लिए उपयुक्त बाजार बनाता है।

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि देश में स्वतंत्र मानसिकता की ऐसी लड़कियां हैं जो धर्म, जाति, पंथ की सीमाओं से परे लड़कों को डेट करना चाहती हैं। वे ऐसा करने के लिए केवल एक सुरक्षित माहौल चाह रही थीं। हम इसी के निर्माण की कोशिश कर रहे हैं।

एक दूसरे भारतीय डेटिंग ऐप्प ‘वू’ के सह संस्थापक और सीईओ सुमेश मेनन ने कहा कि किस्मत से भारत ने तेजी से यह तकनीक अपनाई है। 10 लाख लोग वू का इस्तेमाल कर रहे हैं और हर दिन करीब 10,000 नई जोड़ियां बन रही हैं जिसके साथ हम देख सकते हैं कि कैसे लोगों ने संपर्क बनाने के इस नए तरीके को अपनाया है। टीवी पर आजकल इस तरह के डेटिंग ऐप्प के कई विज्ञापन आ रहे हैं जिसे लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं।

जहां ‘ट्रूलीमैडली’ के विज्ञापन में कुछ लड़कियों को अपनी दोस्तों के साथ लड़कों को निहारते दिखाया गया है और इसके साथ एक नए शब्द ‘ब्यॉय ब्राउजिंग’ की इजाद की गई है, वहीं ‘वू’ के विज्ञापन में एक युवक और एक युवती को बार-बार एक-दूसरे के सामने आते और आखिरकार मुस्कुराते दिखाया गया है। मेनन ने कहा कि युवा पीढ़ी अपने लिए साथी के चयन का फैसला अपने हाथों में चाहती है।

उन्होंने कहा कि 25 से 35 साल की उम्र के बहुत सारे लोग अपने परिवार पर भरोसा करने की बजाए मैचमेकिंग की पूरी प्रक्रिया अपने हाथों में चाहते हैं तथा अब चूंकि उपलब्ध मेट्रिमॉनियल साइट उन्हें नहीं लुभाते अत: प्रेम और जीवनसाथी की तलाश के लिए एक आधुनिक तरीके की जरूरत थी। (भाषा) 

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