हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। हर समय एक सा नहीं होता लेकिन जरूरी है कि एक-दूसरे का साथ और भरोसा हमेशा बनाए रखा जाए। कई बार रिश्ते में उतार-चढ़ाव चिंता और तनाव का कारण भी बनने लगते हैं, जिसे रिलेशनशिप एंग्जायटी कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को अपने रिश्ते को लेकर हमेशा चिंता सताती रहती है। साथ ही मन में हमेशा संशय चलते रहते हैं।ALSO READ: क्या आपको भी लगता है लोग आपको टेकन फॉर ग्रांटेड लेते हैं, तो अपने व्यक्तित्व से इन 5 चीजों को डिलीट करें
कई बार ये चीजें इंसान पर इतनी हावी होने लगती हैं, जो उसकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करने लगती है। तो चलिए आज इसी विषय को विस्तार से समझते हुए जानें रिलेशनशिप एंग्जायटी का मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है।
क्या नॉर्मल है रिलेशनशिप में एंग्जायटी होना?
रिलेशनशिप में एंग्जायटी होना बिलुल नॉर्मल बात है। किसी नए रिश्ते की शुरुआत में मन में प्रश्न आते ही हैं। हालांकि यह एंग्जायटी ज्यादातर रिश्ते की शुरुआत में नजर आती है। ये भी सच है कि अगर कई सालों बाद भी व्यक्ति को रिलेशनशिप में एंग्जायटी होती है, तो हो सकता है कि यह किसी पुराने अनुभव से जुड़ी हो। लेकिन अगर समय के साथ एंग्जायटी बढ़ती जाती है, तो यह रिलेशनशिप में परेशानियां बढ़ने का कारण भी बन सकती है।
रिलेशनशिप एंग्जायटी में क्या होता है?
रिलेशनशिप एंग्जायटी में व्यक्ति को पार्टनर को लेकर शक, उसे खोने का डर, अपनी फीलिंग को लेकर कंफ्यूजन होने जैसी भावनाएं आने लगती हैं। ऐसे में व्यक्ति के मन में कुछ ऐसे प्रश्न भी आ सकते हैं-
क्या मैं अपने पार्टनर के लिए पूरी तरह परफेक्ट हूं?
क्या मैं अपने पार्टनर लिए मायने रखता/रखती हूं?
क्या उनके दिल में मेरे लिए फीलिंग हैं?
क्या यह रिश्ता लंबे समय तक चल पाएगा?
रिलेशनशिप में एंग्जायटी के कारण
रिलेशनशिप में एंग्जायटी किसी पुराने बुरे अनुभव के कारण भी हो सकती है। व्यक्ति में अपने पार्टनर को लेकर कॉन्फिडेंट न होने या खुद पर भरोसा कम होने के कारण भी रिलेशनशिप में एंग्जायटी हो सकती है। इसके अलावा पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ परेशानियां भी मन में रिश्ते को लेकर एंग्जायटी पैदा कर सकती हैं।
रिलेशनशिप एंग्जायटी से कैसे करें डील
आपके मन में ऐसे प्रश्न क्यों आ रहे हैं, इस बात को समझने का प्रयास करें। इससे आपको अपनी परेशानी का समाधान करने में मदद मिलेगी।
पार्टनर से खुलकर बात करें और अपनी परेशानियां बाटें।
किसी मित्र या करीबी से बात करें, जो आपको और आपके पार्टनर को समझता हो।
अगर आप विचारों पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं, तो किसी रिलेशनशिप कोच से भी बात करें।