गुरु पूर्णिमा और चंद्रग्रहण एक साथ, जानिए समय और अन्य खास बातें

आचार्य राजेश कुमार
moon eclipse 2020

इस साल का तीसरा चंद्रग्रहण 05 जुलाई 2020 के दिन  लगने जा रहा है। इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा....

 
5 जुलाई, चंद्र ग्रहण का समय:-
 
उपच्छाया से पहला स्पर्श: सुबह 08:38 बजे
 
परमग्रास चंद्र ग्रहण: सुबह 09:59 बजे
 
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श: सुबह 11:21 बजे
 
ग्रहण अवधि: 02 घंटे 43 मिनट 24 सेकंड
भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा 
 
5 जुलाई को लगने वाले इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा यानि किसी भी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित नहीं होंगे। पूजा पाठ और भोजन से जुड़े कार्य किया जा सकेंगे। लेकिन फिर भी संयम बरतने और नियमों का पालन करना जरूरी है।
 
वैसे चंद्र ग्रहण लगने से 09 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल लगने के बाद से कुछ भी खाना नहीं चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान सात्विक भोजन लेने की सलाह दी जाती है। वहीं, पानी में 8-10 तुलसी के पत्ते डालकर, उबाल कर पीना चाहिए।
क्या चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा 
 
भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। इस ग्रहण का कुल समय तकरीबन पौने तीन घंटे कहा जा रहा है।
 
जनवरी 2020 में पहला चन्द्र ग्रहण लगा था। इस वर्ष कुल 06 ग्रहण लगने वाले हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार एक वर्ष में 3 या तीन से अधिक ग्रहण का लग्न किसी भी तरह से ठीक नहीं होता है।
ग्रहण का कुप्रभाव  : मानव जीवन को काफी विचलित कर सकते हैं इतने ग्रहण। इस ग्रहणकाल में 6-6 ग्रहों (बुद्ध,गुरु,शुक्र,शनि और राहु-केतु) के वक्री होने से तूफान, भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं, गृह युद्ध, अग्नि की घटनाओं,अनहोनी की संभावना बढ़ जाती है।इस पृथ्वी के अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
 
आगजनी, विवाद और तनाव, प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, विभिन्न नई बीमारियां होने के हालात बन सकते हैं।
आचार्य राजेश कुमार (www.divyanshjyotish.com)
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