चंद्रग्रहण 5 जुलाई 2020 : आज के चंद्रग्रहण की 10 खास बातें
विज्ञान चंद्रग्रहण को महज एक खगोलीय घटना मानता है। वहीं ज्योतिष में इसे अशुभ घटना के रूप में देखा जाता है। इसलिए ग्रहण के दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है। जुलाई के पहले सप्ताह 5 जुलाई 2020 में लगने वाला यह चंद्रग्रहण किस समय लगेगा, कितना प्रभावशाली होगा? आपके जीवन पर यह क्या प्रभाव डालेगा और यह कहां दिखाई देगा? इस तरह के कई सवाल आपके जेहन में होंगे, तो चलिए जानते हैं 5 जुलाई को होने वाले चंद्र ग्रहण से जुड़ी सारी जानकारी।
1.जुलाई माह की 5 तारीख को चंद्रग्रहण लगेगा।
2.यह चंद्रग्रहण 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह 8 बजकर 38 मिनट से आरंभ होगा। 09 बजकर 59 मिनट में यह परमग्रास में होगा और 11 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा।
3.इस प्रकार चंद्रग्रहण की अवधि 2 घंटा 43 मिनट और 24 सेकेंड की होगी। इस उपच्छाया चंद्रग्रहण को अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में देखा जा सकेगा।
4.महत्वपूर्ण बात ये है कि भारत में यह दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां पर ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
5.ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है जो ग्रहण से पूर्व लगता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।
6. चंद्र ग्रहण में सूतक ग्रहण लगने के समय से 9 घंटे पहले प्रभावी हो जाता है। वहीं सूर्य ग्रहण में यह ग्रहण के समय से 12 घंटे पूर्व ही लग जाता है।
7.सूतक लगने के बाद पूजा पाठ, देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श, भोजन आदि नहीं किया जाता है। सूतक काल के दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं, ताकि देवी-देवताओं पर ग्रहण की काली छाया न पड़ें।
8.गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्रग्रहण भारत के संदर्भ में बहुत ज्यादा प्रभावशाली नहीं होगा। क्योंकि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है और यहां दिखाई भी नहीं देगा।
9.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा। धनु राशि में गुरु बृहस्पति और राहु मौजूद हैं। अतः ग्रहण के दौरान बृहस्पति पर राहु की दृष्टि धनु राशि को प्रभावित करेगी।
10.धनु राशि के जातकों का मन अशांत रह सकता है। उनके मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं। माता जी की सेहत पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। मन को एकाग्र रखने के लिए ध्यान लगाएं और माता जी का ख्याल रखें।